MITHILESH RAI Tag: मुक्तक 503 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next MITHILESH RAI 16 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक तुम मुझे फ़िर से याद आने लगे हो। तुम मेरे दर्द को जगाने लगे हो। तुम पास हो इतना मेरे ख़्यालों में- तुम मेरी रूह को जलाने लगे हो। मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 477 Share MITHILESH RAI 4 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी चाहत मेरी आदत की तरह है। मेरी ज़िन्दग़ी में इबादत की तरह है। धड़कनों में गूँज़ती है यादों की सदा- मेरी बंदगी की इबारत की तरह है। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 1 297 Share MITHILESH RAI 3 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक तेरे बग़ैर तन्हा रहने लगा हूँ मैं। तेरी बेवफ़ाई को सहने लगा हूँ मैं। जब भी ग़म तड़पाता है मेरे ख़्यालों को- अश्क़ बनकर पलकों से बहने लगा हूँ मैं।... Hindi · मुक्तक 277 Share MITHILESH RAI 30 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक सामने है साक़ी हाथों में शराब है। मेरी निगाहों में तेरा ही शबाब है। प्यास जल रही है तेरी कब से लबों पर- हुस्न का ख़्यालों में फ़ैलता महताब है।... Hindi · मुक्तक 2 1 256 Share MITHILESH RAI 30 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक सामने है साक़ी हाथों में शराब है। मेरी निगाहों में तेरा ही शबाब है। प्यास जल रही है तेरी कब से लबों पर- हुस्न का ख़्यालों में फ़ैलता महताब है।... Hindi · मुक्तक 2 257 Share MITHILESH RAI 20 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक तुम कभी दिल से न रिश्ता तोड़ देना। तुम कभी तन्हा न मुझको छोड़ देना। मुश्किल है अब तुम बिन मेरी ज़िन्दग़ी- राहे-दर्द पर न मुझको मोड़ देना। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 1 3 345 Share MITHILESH RAI 15 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक मैं तेरे बग़ैर तेरी तस्वीरों का क्या करूँ? मैं तड़पाती यादों की जागीरों का क्या करूँ? मैं अश्कों को पलकों में रोक सकता हूँ लेकिन- मैं दर्द की लिपटी हुई... Hindi · मुक्तक 3 1 315 Share MITHILESH RAI 20 Oct 2018 · 1 min read मुक्तक मेरे दर्द को तेरा अफ़साना याद है। मेरे ज़ख्म को तेरा ठुकराना याद है। लबों को खींच लेती है पैमाने की तलब- हर शाम साक़ी को मेरा आना याद है।... Hindi · मुक्तक 4 1 531 Share MITHILESH RAI 25 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक मैं अधूरा सा हूँ तेरे नाम के बग़ैर। यादों की तड़पाती हुई शाम के बग़ैर। मैं देखकर ज़िन्दा हूँ तेरी तस्वीरें- आँखें भी सोती नहीं हैं जाम के बग़ैर। मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 1 1 340 Share MITHILESH RAI 12 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी गली से आज फ़िर होकर गुज़रा हूँ। तेरी गली से आज फ़िर रोकर गुज़रा हूँ। आवाज़ दे रही थी मुझे तेरी तिश्नगी- तेरी गली से दर्द को छूकर गुज़रा... Hindi · मुक्तक 216 Share MITHILESH RAI 25 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी आरज़ू से मुँह मोड़ नहीं पाता हूँ। तेरी तमन्नाओं को छोड़ नहीं पाता हूँ। यादों में ढूंढ़ लेता हूँ तेरी तस्वीरें- तेरे प्यार से रिश्ता तोड़ नहीं पाता हूँ।... Hindi · मुक्तक 225 Share MITHILESH RAI 24 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक कभी तो किसी शाम को घर चले आओ। कभी तो ग़मों से बेख़बर चले आओ। हर रात बीत जाती है मयखाने में- कभी तो रास्ते से मुड़कर चले आओ। मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 1k Share MITHILESH RAI 12 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक काश तेरी उल्फ़त की हर बात भूल जाऊँ। काश तेरी कुर्बत की हर रात भूल जाऊँ। भूल जाऊँ दिल से कभी तेरे सितम को- काश तेरे ज़ख्मों की सौग़ात भूल... Hindi · मुक्तक 437 Share MITHILESH RAI 11 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक तेरा नाम कागज़ पर बार-बार लिखता हूँ। तेरे प्यार को दिल में बेशुमार लिखता हूँ। टूटेगा न सिलसिला तेरी तमन्नाओं का- तेरे ख़्यालों पर गमें-इंतज़ार लिखता हूँ। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 387 Share MITHILESH RAI 8 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक मैं तेरी गुफ्तगूं की राह ढूंढ़ता रहता हूँ। मैं तेरी ज़ुल्फ़ों की पनाह ढूंढ़ता रहता हूँ। जब भी नज़र में आती हैं तस्वीरें यादों की- मैं अपनी मयकदों में आह... Hindi · मुक्तक 334 Share MITHILESH RAI 4 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक तेरा ख़्याल ख़ुद को समझाने का रास्ता है। तेरी याद दिल को बहलाने का रास्ता है। जब जाग जाती है लबों पर तेरी तिश्नगी- हर शाम मयखानों में जाने का... Hindi · मुक्तक 600 Share MITHILESH RAI 1 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक मैं ख़ुद की तरह ज़ीने का जुनून रखता हूँ। मैं दिल में अरमानों का मज़मून रखता हूँ। हौसला क़ायम है अभी दर्द को सहने का- मैं ख़ुद में तूफ़ानों को... Hindi · मुक्तक 437 Share MITHILESH RAI 29 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक जबसे ज़िन्दग़ी में आप मिल गये हैं। रास्ते मंज़िल के फ़िर से खिल गये हैं। जागे हुए पल हैं ख़्वाबों के नज़र में- ज़ख्म भी जिग़र के जैसे सिल गये... Hindi · मुक्तक 236 Share MITHILESH RAI 25 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक ग़मों को दिल में छुपाना आसान नहीं है। शमा यादों की बुझाना आसान नहीं है। जब भी छूट जाता है हमसफ़र राहों में- अकेले लौट कर आना आसान नहीं है।... Hindi · मुक्तक 1 1 425 Share MITHILESH RAI 23 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक मैं हार कर भी तेरी कहानी की तरह हूँ। मैं हार कर भी तेरी निशानी की तरह हूँ। मैं ठोकरें खाता रहा हूँ उम्र भर लेकिन- मैं जोशे-ज़िन्दग़ी में ज़वानी... Hindi · मुक्तक 224 Share MITHILESH RAI 21 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक क्यों तुम शमा-ए-चाहत को बुझाकर चले गये? क्यों तुम मेरी ज़िन्दग़ी में आकर चले गये? हर ग़म को जब तेरे लिए सहता रहा हूँ मैं- क्यों तुम मेरे प्यार को... Hindi · मुक्तक 220 Share MITHILESH RAI 19 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक मैं अपनी तमन्नाओं पर नकाब रखता हूँ। मैं करवटों में चाहत की किताब रखता हूँ। जब भी क़रीब होती हैं यादें ज़िन्दग़ी की- मैं दर्द तन्हाई का बेहिसाब रखता हूँ।... Hindi · मुक्तक 202 Share MITHILESH RAI 16 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक आज भी तेरी जिग़र में आरज़ू जवां है। आज भी निगाह में ख्व़ाबों का कारवां है। उल्फ़त के समन्दर में तूफ़ान हैं लेकिन- मुसीबत में ठहरने का हौसला रवां है।... Hindi · मुक्तक 258 Share MITHILESH RAI 11 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक हम तेरी याद में रो भी लेते हैं। हम तन्हा गमज़दा हो भी लेते हैं। जब रंग सताता है तेरे हुस्न का- हम खुद को नशे में खो भी लेते... Hindi · मुक्तक 277 Share MITHILESH RAI 7 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक तुम गुज़रे हुए ज़माने की बात न करो। तुम दर्द के अफसाने की बात न करो। कुछ देर तलक होश में रहने दो अभी- तुम मयकदों में जाने की बात... Hindi · मुक्तक 233 Share MITHILESH RAI 6 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक अभी तेरी आरज़ू का ग़ुबार है दिल में। अभी तेरी यादों का संसार है दिल में। ख़ौफ भी रुसवाई का मौजूद है लेकिन- अभी तेरे ख़्यालों का बाज़ार है दिल... Hindi · मुक्तक 394 Share MITHILESH RAI 26 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी याद से खुद को आजाद करूँ कैसे? तेरी ख्वाहिशों को मैं बरबाद करूँ कैसे? लफ्ज नजरबंद हैं खामोशी के आंगन में, तेरी चाहतों से मैं फरियाद करूँ कैसे? मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 235 Share MITHILESH RAI 24 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक तेरा अश्के-गम आँखों से बह रहा है। मेरी बेबसी को चुपचाप कह रहा है। चाहते-दीदार में ठहरी है तिश्नगी, ख्वाबों की चुभन को मुद्दत से सह रहा है। मुक्तककार -... Hindi · मुक्तक 250 Share MITHILESH RAI 21 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक अपनी यादों को मिटाना बहुत कठिन है। अपने गम को भूल जाना बहुत कठिन है। जब राहे-मयखानों पर चलते हैं कदम, होश में लौट कर आना बहुत कठिन है। मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 239 Share MITHILESH RAI 19 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक कहीं तेरी बेवफाई से मैं बदल न जाऊँ? कहीं इंतजार की ज्वाला से मैं जल न जाऊँ? मुझे दर्द सताता है हर वक्त तन्हाई में, कहीं सब्र के चट्टानों से... Hindi · मुक्तक 241 Share MITHILESH RAI 17 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी दिल में ख्वाहिश आयी है अभी अभी! चाहत की फरमाइश आयी है अभी अभी! गूंज उठी है शहनाई यादों की लेकिन, फिर गम की पैदाइश आयी है अभी अभी!... Hindi · मुक्तक 447 Share MITHILESH RAI 16 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक फ़साना ज़िन्दग़ी का अज़ीब जैसा है। हर ख़्वाब आदमीं का रक़ीब जैसा है। बदली हुई निग़ाहों का ख़ौफ़ है दिल में- मंज़िलों का मिलना तरक़ीब जैसा है। मुक्तककार -#मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 220 Share MITHILESH RAI 15 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक मंजिलों के रास्ते कुछ बोल रहे हैं! रंग दिल में चाहत का घोल रहे हैं! तिश्नगी ल़बों पर है पैमानों की, क़दम जुस्तजू के कुछ डोल रहे हैं! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 220 Share MITHILESH RAI 15 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक तुमसे अपने प्यार को कहना मुश्किल है! तेरे बगैर लेकिन रहना मुश्किल है! तुमको कभी गैर की बाँहों में देखकर, तेरी बेवफाई को सहना मुश्किल है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 345 Share MITHILESH RAI 12 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक दिन गुजर जाएगा मगर रात जब होगी! तेरे ख्यालों से मुलाकात तब होगी! कबतलक सुनता रहूँ गमों की सिसकियाँ? तुमसे रूबरू दिल की बात कब होगी? मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 341 Share MITHILESH RAI 11 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक मुझे तेरी आरजू में जुदाई मिल गयी है! मुझे तेरी चाहत में तन्हाई मिल गयी है! गमगीन हो गयी है मेरी हाल-ए-जिंदगी, मुझे राहे-वफा में रुसवाई मिल गयी है! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 360 Share MITHILESH RAI 8 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक तुम मेरी जिंदगी में बेहद बेशुमार हो! तुम मेरे तसव्वुर में आते बार--बार हो! मुश्किल बहुत है रोकना तेरे सूरूर को, तुम मेरी नज़र में ठहरा हुआ खुमार हो! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 212 Share MITHILESH RAI 6 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक वक्ते-सितम से रिश्ते टूट जाते हैं! राहे-वफा में रहबर छूट जाते हैं! दूरियाँ हो जाती हैं जिनसे दिलों की, बेरहम बनकर हमसे रूठ जाते हैं! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 194 Share MITHILESH RAI 4 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक हर ख्वाब उजालों का सहर ढूंढता है! हर शख्स ख्यालों में दिलबर ढूंढता है! रास्ते रुकते नहीं हैं मंजिल के मगर, अंजाम कोशिशों का असर ढूंढता है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 377 Share MITHILESH RAI 3 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक तुम खुद को किसी की याद में क्यों खोते हो? तुम जिंदगी को अश्कों से क्यों भिगोते हो? आती हुई बहारों को न रोको दर्द से, तुम हर घड़ी तन्हाई... Hindi · मुक्तक 232 Share MITHILESH RAI 2 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक वो दर्द वो खामोशी का मंजर नहीं बदला! तेरी अदा-ए-हुस्न का खंजर नहीं बदला! शामों-सहर चुभते रहते हैं तीर यादों के, मेरी तन्हाई का वो समन्दर नहीं बदला! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 516 Share MITHILESH RAI 30 May 2018 · 1 min read मुक्तक अब चाहतों के हमको नजारे नहीं मिलते! अब ख्वाहिशों के हमको इशारे नहीं मिलते! हर वक्त ढूंढ लेती है तन्हाई दर्द की, अब हौसलों के हमको सहारे नहीं मिलते! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 256 Share MITHILESH RAI 30 May 2018 · 1 min read मुक्तक हर शख्स जमाने में बीमार जैसा है! ख्वाहिशों का मंजर लाचार जैसा है! सहमी हुई तकदीरें हैं इंसानों की, आदमी सदियों से बाजार जैसा है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 444 Share MITHILESH RAI 30 May 2018 · 1 min read मुक्तक हर शख्स जमाने में बीमार जैसा है! ख्वाहिशों का मंजर लाचार जैसा है! सहमी हुई तकदीरें हैं इंसानों की, आदमी सदियों से बाजार जैसा है! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 377 Share MITHILESH RAI 29 May 2018 · 1 min read मुक्तक बेवफाओं की कोई सूरत नहीं होती! नाखुदाओं की कोई मूरत नहीं होती! खुदगर्ज सा जिन्दा है इंसान दुनिया में, हैवानियत पर कोई हैरत नहीं होती! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 461 Share MITHILESH RAI 28 May 2018 · 1 min read मुक्तक आज फिर हाँथों में जाम लिए बैठा हूँ! तेरे..दर्द का पैगाम लिए बैठा हूँ! वस्ल की निगाहों में ठहरी हैं यादें, तेरा फिर लबों पर नाम लिए बैठा हूँ! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 377 Share MITHILESH RAI 27 May 2018 · 1 min read मुक्तक मौत हासिल होती है इंसान के मरने पर! मिलता है अंधेरा उजालों के गुजरने पर! क्यों खौफ-ए-नाकामी है हर वक्त जेहन में? जब दर्द ही रहबर है खुशियों के मुकरने... Hindi · मुक्तक 447 Share MITHILESH RAI 24 May 2018 · 1 min read मुक्तक टूटते ख्वाबों के अफसाने बहुत से हैं! चाहत की शमा के परवाने बहुत से हैं! एक तू ही नहीं है आशिक पैमानों का, जामे-मयकशी के दीवाने बहुत से हैं! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 281 Share MITHILESH RAI 23 May 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी याद है दिल में दर्दे--तन्हाई सी! ख्वाहिशों की शक्ल में तैरती परछाई सी! चाहत हर पल गूँजती है मेरे सीने में, तेरी तमन्नाओं की जैसे शहनाई सी! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 297 Share MITHILESH RAI 21 May 2018 · 1 min read मुक्तक तेरी याद मुझसे भुलायी न गयी! तेरी याद दिल से मिटायी न गयी! चाहत जल रही है सीने में मगर, आग़ तिश्नगी की बुझायी न गयी! मुक्तककार- #मिथिलेश_राय Hindi · मुक्तक 212 Share Previous Page 2 Next