लोधी डॉ. आशा 'अदिति' Language: Hindi 68 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 14 Sep 2017 · 2 min read सुनो प्रद्युम्न! सुनो प्रद्युम्न तुम्हारी निर्मम हत्या पर मैंने शोक नहीं मनाया और न ही मनाया मैंने एक पल का भी मातम बल्कि अनगिनत सवालों से घिरा मेरा रोम रोम हो गया... Hindi · कविता 1 487 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 15 Jun 2017 · 1 min read तेरे आने की खबर यूँ लगा दी दस्तक किसी ने दरवाजे पर खोला दर तो दिखा आसमां पे बरसों बाद मुस्कुराता हुआ चाँद रातरानी की खुश्बू भरी हवा सहला गई दिल को अंदर तक... Hindi · कविता 3 472 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 23 Jan 2017 · 1 min read अब मुझे यूँ आजमाना छोड़ दे जिंदगी मुझको सताना छोड़ दे अब मुझे यूँ आजमाना छोड़ दे हो गए हैं सब यहां पर मतलबी बेवजह रिश्ते बनाना छोड़ दे योग्यता की है नहीं कोई कदर फूल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 475 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 28 Jan 2017 · 1 min read सपने अवकाश 1 मेघा सन्देश साजन परदेश भाये ना मोहे 2 नदियां नारी बहती हरदम थकती नहीं 3 आँखे बादल बरसे पल पल तेरी याद में 4 खाली आकाश सपने अवकाश सूना... Hindi · हाइकु 1 490 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 29 May 2017 · 1 min read हर ख़ुशी सबको मिले ऐसी जमीं रब चाहिए ख्वाहिशें ऐसी कहाँ थी आसमां अब चाहिए लोग हो बेचैन ऐसी जन्नतें कब चाहिए एक दूजे पे भरोसा हो अमन चारों तरफ हर ख़ुशी सबको मिले ऐसी जमीं रब चाहिए... Hindi · मुक्तक 461 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 15 Feb 2017 · 1 min read नया जीवन सजाया है तुम्हारा हाथ जो साजन मेरे हाथों में आया है बजे संगीत धड़कन में, दिलों ने गीत गाया है भले खुशियाँ हों चाहे गम, रहेंगे साथ हम दोनों नए सपने, नई... Hindi · मुक्तक 455 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 28 Jan 2017 · 1 min read आधा सावन बीत गया है, बालम मोहे मन भाने दो कब से मुझसे कहते साजन सावन को तुम आने दो आधा सावन बीत गया है बालम मोहे मन भाने दो। रँगबिरँगी खिलती कलियाँ कहती कर लूँ सोलह श्रृंगार दिल में... Hindi · गीत 429 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 26 Jan 2017 · 1 min read तिरंगे से सजा फिर आज हिन्दोस्तान हो जाये बने भारत जगत सिरमौर ये अरमान हो जाये तिरंगे से सजा फिर आज हिन्दोस्तान हो जाये मुसलमां सिक्ख ईसाई, नहीं हिन्दू रहे कोई भुला दें जातियाँ सारी चलो इंसान हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 421 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 25 Jan 2017 · 1 min read नदी जो इक नारी है पर्वतों से पिघलती नदियाँ खिलखिलाती हुई इठलाती हुई चट्टानों से खेलती निच्छल निकल पड़ती हैं सागर की चाह में युवा नदियाँ पहाड़ों से आलिंगनबद्ध होकर निकलती हैं मचलती हुई रास्तों... Hindi · कविता 394 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 1 Feb 2017 · 1 min read शुभ बसन्त नए पल्लव, खिली सरसों, है बौराई सी अमराई बसन्ती रंग में मिल फाग फिर से टेसुआ होगा सजाये रंग कुदरत ने, सरसता से भरी दुनिया बदल कर देख ऋतुओं को,... Hindi · कविता 407 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 26 Jan 2017 · 1 min read हरा केसरिया फिर मिलकर, तिरंगा संग लहरायें गिरा दीवार नफरत की, चलो फिर एक हो जायें हरा केसरिया फिर मिलकर, तिरंगा संग लहरायें दिखा दे देश दुनिया को वतन की शान की खातिर मिटा दें दहशतें सारी... Hindi · मुक्तक 1 1 374 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 28 Jan 2017 · 1 min read हरपल दिल में चाह यही है, लौटे बचपन फिर इक बार याद आ रही माँ की लोरी, और मुझे वो माँ का प्यार बहुत सुखद थे बचपन के दिन, माँ का आँचल ही संसार। दूध रोटियाँ लगती प्यारी, ज्यों हो स्वाद... Hindi · कविता 296 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 29 Jan 2017 · 1 min read हमारी देशभक्ति जनवरी के अंतिम हफ्ते में कुकुरमुत्ते की तरह उग आती है देशभक्ति हम सब के भीतर फिर लहू में आ जाता है उबाल खुद ब खुद देशभक्ति के गाने वन्दे... Hindi · कविता 293 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 28 Jan 2017 · 1 min read बारिश की पहली बून्द बारिश की पहली बून्द की तरह तृप्त कर जाता है मेरे तन-मन को तुम्हारा प्यार फिर ओढ़ कर धानी चुनरिया खुशियों की लहलहा उठती हूँ मैं ************************** स्वाति की एक... Hindi · कविता 281 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 25 Jan 2017 · 1 min read व्यथा सभी कहते हैं उत्तर दिशा बहुत शुभ होती है मैंने भी सुना है सूर्य जब अंतरण करता है उत्तर दिशा की ओर तिल तिल बढ़ती चली जाती हैं खुशियाँ फिर... Hindi · कविता 256 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 23 Jan 2017 · 1 min read मतदाता हैरान हैं मतदाता हैरान हैं, चुने किसे सरकार हर नेता करने लगा, वादों की भरमार वादों की भरमार, नए हैं स्वप्न दिखाये बदली इनकी चाल, पैर पर गिर गिर जाये अदिति खड़ी... Hindi · कुण्डलिया 1 272 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 26 Jan 2017 · 1 min read हर नगर फहराये तिरंगा, अखण्ड भारत की शान रहे तीन रंगों से सजा हमेशा अपना हिंदुस्तान रहे जोश केसरिया अंग अंग में, भरे खेत खलिहान रहे भेदभाव को भूल शांति सन्देश चलो अब फैलाएं हर नगर फहराये तिरंगा, अखण्ड... Hindi · मुक्तक 240 Share लोधी डॉ. आशा 'अदिति' 23 Jan 2017 · 1 min read नोटबन्दी फैसला सरकार का नोटबन्दी फैसला सरकार का हाल क्या है देख लो व्यापार का जल्दबाज़ी में लिये क्यूँ फैसले देख लेते दुख जरा लाचार का नोट जो लाखों कमायें खर्च लो क्या करोगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share Previous Page 2