Kapil Kumar 154 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kapil Kumar 21 Oct 2016 · 1 min read फिर कियुं जमाना वो ढूंढ रहा है किनारे पर किनारा वो ढूंढ रहा है फिर से इक बहाना वो ढूंढ रहा है ************************* हर तरफ है जब आइना उसके फिर क्यूं जमाना वो ढूंढ रहा है *************************... Hindi · मुक्तक 822 Share Kapil Kumar 26 Jul 2016 · 1 min read वतन की खातिर कारगिल विजय दिवस पर......आपकी नज़र. शहीदों की अनमोल धरोहर संभालो वतन की खातिर ही वतन को बचालो *************************** उठो जाति मजहब सियासत से ऊपर चूम लो धरा दिल मे वतन... Hindi · मुक्तक 1 1 647 Share Kapil Kumar 17 Jan 2017 · 1 min read शहर भी।तुम्हारा है संग भी तुम्हारे हैं शहर भी तुम्हारा है ,संग भी तुम्हारे है पत्थरो पे चाहत के किस्से सब हमारे है ****************************** सर पटक -2 के जब ये तराशे हैं पत्थर तब कहीं जमाने में,... Hindi · मुक्तक 669 Share Kapil Kumar 23 Dec 2016 · 1 min read नोट बंदी आर्थिक डकैती है नोट बंदी आर्थिक डकैती है वोट मंडी तो हमारी खेती है ******************* हक़ ये दिया किसने उनको डकैती तो हमारी बपौती है ******************* कपिल कुमार 24/12/2016 Hindi · मुक्तक 671 Share Kapil Kumar 11 Aug 2016 · 1 min read नही जल्दी कोई आहिस्ता चाहिये नही जल्दी कोई आहिस्ता चहिये इश्क़ ए खुदा का बस पता चाहिये *********************** जो न टूटे कभी वो वास्ता चाहिये हो खासो आम वो रास्ता चाहिये ************************ उठा सके नाज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 571 Share Kapil Kumar 30 Aug 2016 · 1 min read वो क्या करेगा कोई गिला मुझसे क्या करेगा वो कोई गिला मुझसे जो बेमतलब , रहा ख़फ़ा मुझसे ************************ उलझा है जो खुद कशमकश मे क्या करेगा कोई फैसला मुझसे ************************ कपिल कुमार 30/08/2016 गिला.......शिकायत Hindi · मुक्तक 560 Share Kapil Kumar 15 Oct 2016 · 1 min read हर बार शिकायत हो जरूरी तो नही हर बार शिकायत हो , जरूरी तो नहीं हर बार खिंलाफत हो, जरूरी तो नहीं ***************************** होतें हैं धोखे कभी कभी नजरों के भी हर बार अदावत हो , जरूरी... Hindi · मुक्तक 485 Share Kapil Kumar 8 Jan 2017 · 1 min read जिंदगी रहे छोटी बेशक कोई खास न हो जिंदगी रहे बेशक छोटी बेशक कोई खास न हो तलाश हो तो ऐसी कि जिसके आगे तलाश न हो ************************************ कपिल कुमार 08/01/2017 Hindi · शेर 562 Share Kapil Kumar 1 Dec 2016 · 1 min read वो कहते हैं शायरी से पेट नही भरता वो कहते हैं शायरी से पेट नही भरता ख्वाइश फिर से है आज भूखा सोने की ******************************* वो कहते हैं कि दिल का दर्द नही दिखता ख्वाइश फिर से है... Hindi · मुक्तक 518 Share Kapil Kumar 8 Aug 2016 · 1 min read कहाँ चाँद में वो बात कहाँ चांद मे वो बात जो तुम्हें निहार सके नही बना वो दिल ही जो तुम्हें पुकार सके ****************************** सितारे भी है सहमे सहमे से हैं सजदे में भेजा है... Hindi · मुक्तक 510 Share Kapil Kumar 18 Aug 2016 · 1 min read जो अहले खिरद न कर् पाये आने वाली मेरी पुस्तक....इश्क़ मुकम्मल से.....आपकी नजर अहले- खिरद न कर् सके वो करके दिखा गया एक बेअदब ही आज अदब सबको सीखा गया *********************************** कपिल कुमार 17/06/2016 अहले खिरद......समझदार... Hindi · मुक्तक 524 Share Kapil Kumar 24 Jul 2016 · 1 min read एक दोस्त पुराना वो जो एक दोस्त पुराना आ गया याद फिर गुजरा जमाना आ गया ************************* क्यूं न कैद कर लूं इन लम्हों को वो जो आये मुस्कराना आ गया ************************ कपिल... Hindi · मुक्तक 1 524 Share Kapil Kumar 10 Oct 2016 · 1 min read इक रेशमी रुमाल दीवाना कर गया मखमली सवाल आपका था वो हक़ीक़त या फिर इक ख्याल आपका ******************************** ढूंढता रहा रात भर निशां तेरे ख्वाबों में मै मिला सुबह रुख पे इक रेशमी... Hindi · मुक्तक 1 490 Share Kapil Kumar 31 Jul 2016 · 1 min read फूलों से जरा बचकर रहना मिल जाते हैं रहम परायों के, अपनों से जरा बचकर रहना भर जाते हैं जख्म पत्थरों के फूलों से जरा बचकर रहना ********************* कपिल कुमार 31/07/2016 Hindi · मुक्तक 1 473 Share Kapil Kumar 8 Nov 2016 · 1 min read 1000 का बंद है 1000 का बंद है 500 का बंद है ************** देश हित में कहो अब काला बंद है ************** कपिल कुमार 09/11/2016 Hindi · मुक्तक 478 Share Kapil Kumar 25 Nov 2016 · 1 min read तोडके दिल मेरा वो भी तो पछताया होगा आपकी नजर....................इक रचना तोडके दिल मेरा वो भी तो पछताया होगा ढूंढता खुद में अब वो मेरा ही साया होगा ******************************* बैठा के रखा उसे, जैसे हमने पलको पे नाज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 486 Share Kapil Kumar 14 Jan 2017 · 1 min read है सोच बुलँद अपनी एक मेरा पुराना शेर.....................आपकी नजर है सोच बुलंद अपनी ,नजरिया भी न तंग रखते हैं गुलों को लगाते हैं गले ,खारो को भी संग रखते हैं ************************************** कपिल कुमार 10/01/2017... Hindi · शेर 488 Share Kapil Kumar 21 Dec 2016 · 1 min read बेवजह ही मै सबसे रूठता रहा बेवजह ही मै सबसे रूठता रहा खुद से खुद का पता पूछता रहा *********************** थी हरेक वजह तो मेरे अंदर ही बेवजह बाहर ही उसे ढूंढता रहा ************************ कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 450 Share Kapil Kumar 6 Aug 2016 · 1 min read जहाँ वजूद नही तेरा खुशबु तेरी के लिये ही तो तरसता हूँ मै जहाँ वजूद नही तेरा कहाँ बरसता हूँ मै ***************************** होती हो तस्व्वुर में तन्हाई में भी हँसता हूँ तू नही तो... Hindi · मुक्तक 483 Share Kapil Kumar 10 Dec 2016 · 1 min read कहाँ है तू और कहाँ तेरा वादा कहाँ है तू और कहाँ तेरा वादा हर इक ही है अधूरा आधा वादा ************************ मेरे यकीं और मेरी मुहब्बत को देता है धोखा फिर तुम्हारा वादा ************************ न हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 479 Share Kapil Kumar 18 Aug 2016 · 1 min read आबो दाना ख़ुदा ने लिख दिया जब तेरा आबो दाना तेरे हक़ का तुझको मिलेगा दाना दाना ***************************** कपिल कुमार 18/08/2016 Hindi · शेर 469 Share Kapil Kumar 25 Jul 2016 · 1 min read सियासी दांव पेंच फैला के नफ़रतें प्यार के पैगाम न आएंगे लगा के आग दिलों मे भी आराम न आएंगे ********************************* सेकते हो तुम अक्सर यूं ही सियासी रोटियाँ हर दफ़ा ये दाव... Hindi · मुक्तक 1 480 Share Kapil Kumar 2 Aug 2016 · 1 min read गर दे एक ही वजह तू मुस्कराने की गर दे इक ही वजह तू मुस्कराने की वार दूँ मै तुझपे हर ख़ुशी जमाने की ************************** लिख दूं मै हर इक साँस पे नाम तेरा गर रख ले दिल... Hindi · मुक्तक 485 Share Kapil Kumar 30 Jul 2016 · 1 min read मौत का नाम तो मुफ़्त ही बदनाम है इस गमें जिंदगी मे और भी तो काम है जिंदगी के साथ -2 मौत भी बेलगाम है ***************************** छोड़ जाती है अक्सर जिंदगी ही हमे मौत का नाम तो मुफ़्त... Hindi · मुक्तक 447 Share Kapil Kumar 19 Aug 2016 · 1 min read ग़ुनाह रोज तोबा करके फिर गुनाह करता है शायद अब गुनाह वो बेपनाह करता है ***************************** कपिल कुमार 19/08/2016 Hindi · शेर 478 Share Kapil Kumar 2 Dec 2016 · 1 min read दिल मेरा कियूं आजकल बेपनाह उदास है एक रचना.....................आपकी नजर अजीब सी है खलिश अजीब अहसास है दिल मेरा कियूं आजकल बेपनाह उदास है ******************************* हंसी भी है बुझी बुझी दर्द दिल के पास है ख़ुश्क सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 465 Share Kapil Kumar 13 Oct 2016 · 1 min read जब कभी भी जबां फिसलती है जब कभी भी जबां फिसलती है होती अक्सर ,हमारी गलती है ************************ दिखता सच नही है लोगो को जब भी नफ़रत ये दिल में पलती है ************************** कपिल कुमार 13/10/2016 Hindi · मुक्तक 474 Share Kapil Kumar 2 Oct 2016 · 1 min read घर को अपने ही चिरागों से भी जलते देखा हद से अपनी कभी रिश्तों को गुजरते देखा दौरे हाजिर में पुरानो को भी बदलते देखा ********************************* रौशनी को हम उम्मीदों मे जलाते हैं मगर घर को अपने ही चिरागों... Hindi · मुक्तक 519 Share Kapil Kumar 31 Dec 2016 · 1 min read दिल अपना भी रुबारु जब भी आइना होगा सच का ही तो सामना होगा ********************* तोड़ोगे दिल जो किसी का तो दिल अपना भी अनमना होगा ********************* कपिल कुमार 31/12/2016 Hindi · मुक्तक 434 Share Kapil Kumar 19 Oct 2016 · 1 min read चाँद करवा चौथ का तब खास हो गया चाँद करवा चौथ का तब खास हो गया चाँद देख उनका, जब आभास हो गया ***************************** कपिल कुमार 19/10/2016 Hindi · शेर 482 Share Kapil Kumar 26 Jul 2016 · 1 min read अंदाजे इश्क़ बेफ़वाई की भी न थी वो शर्म सारी छोड़ बैठे कस्मे तोड़ी भी न थी ,वो हदें सारी तोड़ बेठे ********************************* रफ्ता-2 ही समझेंगे वो हमारा अंदाजे इश्क़ क्या हुआ... Hindi · मुक्तक 421 Share Kapil Kumar 26 Nov 2016 · 1 min read बस आम आदमी लाइन में दिखाई देता है आज 500 हजार का दर्द रुलाई देता है दर्द नेताओं का भी नारे में सुनाई देता है ******************************* बड़े लोग लगे हैं अब भी जुगाड़ में साहब बस आम आदमी... Hindi · मुक्तक 436 Share Kapil Kumar 21 Dec 2016 · 1 min read पुरनूर चेहरा पुरनूर चेहरा मुस्कराहट ये, गवाही देती है दिल के करीब उसकी आहट सुनाई देती है ******************************** कपिल कुमार 19/12/2016 Hindi · शेर 407 Share Kapil Kumar 14 Jan 2017 · 1 min read कलाकार हम जो कलाकार तुम भी गुनहगार हम जो ,शर्मशार तुम भी शर्मशार हम जो,गुनहगार तुम भी ************************** तेरी मेरी कहानी भी इक है अदाकार हम जो कलाकार तुम भी *************************** अब कौन दिखलाये असली सूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 431 Share Kapil Kumar 28 Nov 2016 · 1 min read दिल की जानिब दिल की जानिब जब वो बुलाता नही मुझको इश्क़ तंन्हाइयों में , अब रुलाता नही मुझको ********************************** कपिल कुमार 28/11/2016 Hindi · शेर 433 Share Kapil Kumar 1 Nov 2016 · 1 min read छोटे हैं हम मगर ऊँची उड़ान है माना कि हम परिन्दे ,बेजबान हैं फिर भी हमारी मीठी सबसे जबान है *************************** छोटे हमारे पँखो पे जाना नही तुम छोटे हैं हम मगर , ऊँची उड़ान है ***************************... Hindi · मुक्तक 414 Share Kapil Kumar 28 Oct 2016 · 1 min read मै बेअदब हूँ मै हूँ बेअदब मगर अदब मे रहता हूँ बाते करता हूँ, मगर हद मे रहता हूँ *************************** कपिल कुमार 27/10/2016 Hindi · शेर 392 Share Kapil Kumar 27 Jul 2016 · 1 min read गुरु घन्टाल प्रत्यक्ष को पुराने की जरूरत क्या है सच को भी छुपाने की जरूरत क्या है *************************** घर में जब छिपे बेठे हों दुश्मन अपने दुश्मनो को बुलाने की जरूरत क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 401 Share Kapil Kumar 25 Aug 2016 · 1 min read अगले जन्म की जमानत रखे तू यादों में जिंदा ये इबादत है मेरी यही यादें तेरे पास इक अमानत है मेरी ***************************** ज़िंदा अल्फाजों में रहूँ या मै दिल में यही अगले जन्म की... Hindi · मुक्तक 1 412 Share Kapil Kumar 1 Sep 2016 · 1 min read लौटा लायेंगी तुम्हे समझा देंगे यादों को न रुलायेंगी तुम्हे करना न गिला फिर न बुलायेंगी तुम्हे **************************** मेरा तुम्हारा अब ख़ुदा निगेहबाँ हमदम देखना इक रोज यही लौटा लायेंगी तुम्हे **************************** कपिल... Hindi · मुक्तक 460 Share Kapil Kumar 16 Oct 2016 · 1 min read हैं टुन्न सभी पीना पिलाना क्या करे दे कोई गम जो दुबारा क्या करें न कोई तुम सा हमारा क्या करें ************************* है गम तो अब बहाना क्या करें है तू तो फिर जमाना क्या करें ************************... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share Kapil Kumar 22 Nov 2016 · 1 min read रुकी रुकी हैं हसरते रुकी रुकी हैं हसरते सरहदों पे ही कहीं दिल ही बता तू अब तेरी सरहदें कहां हैं ******************************* ठहरती हैं कब कहां दिलों में ये हसरतें अब तुम बताओ हौसलों... Hindi · मुक्तक 423 Share Kapil Kumar 18 Aug 2016 · 1 min read राखी परदेश में मन ये मेरा रिश्ते निभाने को करता है दिल अब घर लौट आने को करता है *************************** जब जब आती राखी बहना परदेश में मन ये मेरा तब तब रोने... Hindi · मुक्तक 373 Share Kapil Kumar 10 Oct 2016 · 1 min read आपके दिल की दास्तान है शायद कायनात भी मेहरबान है शायद इश्क़ भी आज मेहमान है शायद ************************ सुन कर क्यों सुर्ख हो गये आप आपके दिल की दास्तान है शायद ************************* कपिल कुमार 10/10/2016 सुर्ख.............लाल Hindi · मुक्तक 433 Share Kapil Kumar 4 Nov 2016 · 1 min read सिखाया जिन परिंदों को उड़ना बच्चे भी हक़ अब जताने लगे हैं आँखों से आँखे , मिलाने लगे हैं ************************* तुतलाते थे जो चंद रोज पहले जबां से जबां अब लड़ाने लगे हैं ************************* चाहते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 442 Share Kapil Kumar 14 Oct 2016 · 1 min read झूठ का पुलिंदा झूठ का पुलिंदा जो मिला फ़िदा हो गया मै खुद पे सच का आइना जो मिला हूँ ख़फा ख़फा मै खुद पे ************************************* कपिल कुमार 13/10/2016 Hindi · शेर 410 Share Kapil Kumar 8 Oct 2016 · 1 min read किसी के दिल की जबां हिचकियाँ बोल रही है किसी के दिल की जबां हिचकियाँ बोल रही हैं एक अहसास की हवा खिड़कियाँ खोल रही हैं *********************************** न मुमकिन भी नही अब पहुँचना उस तलक रूह उसी की तो... Hindi · मुक्तक 422 Share Kapil Kumar 30 Jul 2016 · 1 min read कदर न हुई जब तक रहे बन्दिशों मे कदर न हुई हुई कदर भी यूँ की कोई खबर न हुई **************************** मिलती रही हैं यूं दुश्वारियां हमसे कि मिली ख़ुशी तो ख़ुशी पल... Hindi · मुक्तक 413 Share Kapil Kumar 8 Jan 2017 · 1 min read तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने दुआयें भी उनको बेशुमार दी हमने **************************** बनी आखिर में वो तस्वीरे जाना कि अक्स दिल से उनकी उतार दी हमने ***************************** कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 419 Share Kapil Kumar 22 Jul 2016 · 1 min read कसम हिंदुस्तान की जब तलक आतंक की फसल वो बोते जाएंगे कसम हिंदुस्तान की नस्ले अपनी खोते जायेंगे ********************************** कपिल कुमार 22/07/2016 Hindi · शेर 422 Share Page 1 Next