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150 posts
हिंदी है भारत की बिंदी ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद
हिंदी है भारत की बिंदी ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद
Jitendra Anand
ऑगन में भी चहके - महकें ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद
ऑगन में भी चहके - महकें ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद
Jitendra Anand
मेरे स्वर संगम सँग वीणा अंतरमन ने ( गीत) जितेंद्रकमलआनंद
मेरे स्वर संगम सँग वीणा अंतरमन ने ( गीत) जितेंद्रकमलआनंद
Jitendra Anand
रंग सारे छोडकर ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद
रंग सारे छोडकर ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद
Jitendra Anand
खोलो उर के द्वार बंद ऑखों को खोलो ( गीत )
खोलो उर के द्वार बंद ऑखों को खोलो ( गीत )
Jitendra Anand
कविता : हुआ अपेक्षित है आवश्यक
कविता : हुआ अपेक्षित है आवश्यक
Jitendra Anand
इस स्थावर जंगम जगत् का जो मूल तत्व( घनाक्षरी)
इस स्थावर जंगम जगत् का जो मूल तत्व( घनाक्षरी)
Jitendra Anand
परमब्रह्म हैं जो परमपुरुष जिनसे ( घनाक्षरी)
परमब्रह्म हैं जो परमपुरुष जिनसे ( घनाक्षरी)
Jitendra Anand
हरि- नारायण,विष्णु जो कृष्ण के स्वअंश हैं( घनाक्षरी)
हरि- नारायण,विष्णु जो कृष्ण के स्वअंश हैं( घनाक्षरी)
Jitendra Anand
जग गया भारत : जितेंद्रकमल आनंद ( पोस्ट १६२)
जग गया भारत : जितेंद्रकमल आनंद ( पोस्ट १६२)
Jitendra Anand
मंजरी को चाहता हूँ ( गीत ) पोस्ट -२३जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट१६५)
मंजरी को चाहता हूँ ( गीत ) पोस्ट -२३जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट१६५)
Jitendra Anand
घनाक्षरी:: मेरे लिए कुछ भी न दूर और : जितेंद्र आनंद( पो १६३)
घनाक्षरी:: मेरे लिए कुछ भी न दूर और : जितेंद्र आनंद( पो १६३)
Jitendra Anand
मुक्तक: हर सुबह एक नई प्यास: जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट१६२)
मुक्तक: हर सुबह एक नई प्यास: जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट१६२)
Jitendra Anand
हम मानव हैं हरित धरा के :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १५९)
हम मानव हैं हरित धरा के :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १५९)
Jitendra Anand
हरषाती धूप : जितेंद्रकमलआनंद  ( पोस्ट १६१)
हरषाती धूप : जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट १६१)
Jitendra Anand
यह ब्रह्मही है आत्मा ,आत्माही है: जितेन्द्र कमल आनंद ( पो १४२)
यह ब्रह्मही है आत्मा ,आत्माही है: जितेन्द्र कमल आनंद ( पो १४२)
Jitendra Anand
सत्यके सुदर्शन जिसे होते हैं:: जितेंद्रकमल आनंद ( पोस्ट१४०)
सत्यके सुदर्शन जिसे होते हैं:: जितेंद्रकमल आनंद ( पोस्ट१४०)
Jitendra Anand
फिर एक ग़ज़ल --- जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट १४०)
फिर एक ग़ज़ल --- जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट १४०)
Jitendra Anand
स्वप्नवत् हो भ्रांतियॉ जिसके :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१३९)
स्वप्नवत् हो भ्रांतियॉ जिसके :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१३९)
Jitendra Anand
युग निर्माण करें सब मिलकर::-- जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १३८)
युग निर्माण करें सब मिलकर::-- जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १३८)
Jitendra Anand
प्रिये लेखनी , सखी -- संगिनी :-- जितेंद्रकमल आनंद ( पोस्ट १३७)
प्रिये लेखनी , सखी -- संगिनी :-- जितेंद्रकमल आनंद ( पोस्ट १३७)
Jitendra Anand
नीरसमें भी रसमिलता है :-- जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट१३६)
नीरसमें भी रसमिलता है :-- जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट१३६)
Jitendra Anand
१३५ : अंतस जब दर्पण बन धुँधलाता यादों को -- जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट१३५)
१३५ : अंतस जब दर्पण बन धुँधलाता यादों को -- जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट१३५)
Jitendra Anand
मुक्तक: हर सुबह एक नई  आस लिए होती है:- जितेंद्रकमलआनंद( १३२)
मुक्तक: हर सुबह एक नई आस लिए होती है:- जितेंद्रकमलआनंद( १३२)
Jitendra Anand
ओंकार, अघनाशक,परम आनंद हैं जो: जितेंद्र कमल आनंद ( १३१)
ओंकार, अघनाशक,परम आनंद हैं जो: जितेंद्र कमल आनंद ( १३१)
Jitendra Anand
काव्य से अमृत झरे,वेदका वह सार दें:- जितेंद्र कमल आनंद ( पो १३०)
काव्य से अमृत झरे,वेदका वह सार दें:- जितेंद्र कमल आनंद ( पो १३०)
Jitendra Anand
जो पिता से प्यार करतीं वो हमारी वेटियॉ: जितेंद्र कमल आनंद ( पो १२९)
जो पिता से प्यार करतीं वो हमारी वेटियॉ: जितेंद्र कमल आनंद ( पो १२९)
Jitendra Anand
भक्ति- योग से राज- शक्ति का जब हो भण्डारन बाला ( पोस्ट १२८)
भक्ति- योग से राज- शक्ति का जब हो भण्डारन बाला ( पोस्ट १२८)
Jitendra Anand
समय बदलते सूखी धरती मुस्काती :: जितेंद्र कमल आनंद
समय बदलते सूखी धरती मुस्काती :: जितेंद्र कमल आनंद
Jitendra Anand
घूँट सुरा का तीखा होता प्यालों में : जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१२६)
घूँट सुरा का तीखा होता प्यालों में : जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१२६)
Jitendra Anand
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ : जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१२५)
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ : जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१२५)
Jitendra Anand
यज्ञ के लिए भी पंच गव्य जो प्रदान करें:- जितेंद्र कमल आनंद ( पोस्ट१२४)
यज्ञ के लिए भी पंच गव्य जो प्रदान करें:- जितेंद्र कमल आनंद ( पोस्ट१२४)
Jitendra Anand
सुरभि,सुभद्रा,नन्दा,बहुला,सुशीला :: जितेंद्रकमलआनंद (१२३)
सुरभि,सुभद्रा,नन्दा,बहुला,सुशीला :: जितेंद्रकमलआनंद (१२३)
Jitendra Anand
परहितार्थ हम जैसा करते सत्य उसी को:-- जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१२२)
परहितार्थ हम जैसा करते सत्य उसी को:-- जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१२२)
Jitendra Anand
बाद| तुम्हारे जाने के कल::: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १२१)
बाद| तुम्हारे जाने के कल::: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १२१)
Jitendra Anand
बनें सभी सत्पथ अनुगामी ::: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट११९)
बनें सभी सत्पथ अनुगामी ::: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट११९)
Jitendra Anand
उड़ चला हंस फिर विश्वास पा कर
उड़ चला हंस फिर विश्वास पा कर": जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट११९)
Jitendra Anand
सुंदर हो सपने कैसे साकार लिखो :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ११८)
सुंदर हो सपने कैसे साकार लिखो :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ११८)
Jitendra Anand
मुक्तक ::: बना रहे सम्बंध प्यारका::: जितेन्द्र कमल आनंद ( ११७)
मुक्तक ::: बना रहे सम्बंध प्यारका::: जितेन्द्र कमल आनंद ( ११७)
Jitendra Anand
जगतमें हो कोई न उदास :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट११६)
जगतमें हो कोई न उदास :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट११६)
Jitendra Anand
अनेक एक हो जाते हैं( शेष भाग) जितेन्द्रकमल आनंद ( पोस्ट११५)
अनेक एक हो जाते हैं( शेष भाग) जितेन्द्रकमल आनंद ( पोस्ट११५)
Jitendra Anand
अनेक एक हो जाते हैं ! -----जितेन्द्र कमलआनंद ( ११३)
अनेक एक हो जाते हैं ! -----जितेन्द्र कमलआनंद ( ११३)
Jitendra Anand
कवि रामकिशोर वर्मा जी!
कवि रामकिशोर वर्मा जी!
Jitendra Anand
याद रखो ! शक्ति का जहॉ होता है दुरुपयोग: जितेंद्र कमल आनंद ( ११२)
याद रखो ! शक्ति का जहॉ होता है दुरुपयोग: जितेंद्र कमल आनंद ( ११२)
Jitendra Anand
मन सुमन को चाहिए लब मुस्कराते: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट११२)
मन सुमन को चाहिए लब मुस्कराते: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट११२)
Jitendra Anand
रस लीजिए आध्यात्मिक साहित्यिक : जितेन्द्रकमल आनंद (१११)
रस लीजिए आध्यात्मिक साहित्यिक : जितेन्द्रकमल आनंद (१११)
Jitendra Anand
बीज बोये आपनेजो महराजयोगके :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट११०)
बीज बोये आपनेजो महराजयोगके :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट११०)
Jitendra Anand
जीवितरहने की स्पृहा ही तेरा है बंधन:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१०९)
जीवितरहने की स्पृहा ही तेरा है बंधन:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१०९)
Jitendra Anand
स्वयंकोविश्वरूप संशयमुक्तजानकर:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१०८)
स्वयंकोविश्वरूप संशयमुक्तजानकर:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१०८)
Jitendra Anand
कुछ कह न सका अथरों से तभी:: जिते द्रकमलआनंद( पोस्ट१०७)
कुछ कह न सका अथरों से तभी:: जिते द्रकमलआनंद( पोस्ट१०७)
Jitendra Anand
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