Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2016 · 1 min read

अनेक एक हो जाते हैं( शेष भाग) जितेन्द्रकमल आनंद ( पोस्ट११५)

तब आवश्यकता नहीं रहती
मूर्ति अर्चना की / प्रस्तर – वंदना की
व्यर्थ कर्मकाण्ड की अथवा आडम्बर की,
नीराजना की
आराधना की
क्योंकि–
उसकी चेतना
हममें
पद्मवत खिल चुकी है
क्योंकि उसकी धड।कन
तुममें —
श्वास – प्रश्वास के साथ
मिल चुकी है,
हमसे सम्बंध अद्वैत हो गया है ,
तुम अद्वैत हो गये हो !
जलजलमें घुले लवण की भॉति/ हम– तुम
अनेक एक हो गये हैं ।
—-जितेन्द्रकमल आनंद

Language: Hindi
190 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविता
कविता
sushil sarna
हे देवाधिदेव गजानन
हे देवाधिदेव गजानन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भुक्त - भोगी
भुक्त - भोगी
Ramswaroop Dinkar
गरीबों की जिंदगी
गरीबों की जिंदगी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बेरोज़गारी का प्रच्छन्न दैत्य
बेरोज़गारी का प्रच्छन्न दैत्य
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
कृष्णकांत गुर्जर
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
अनिल कुमार
आँखों की दुनिया
आँखों की दुनिया
Sidhartha Mishra
"स्कूल चलो अभियान"
Dushyant Kumar
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
कोई किसी के लिए जरुरी नहीं होता मुर्शद ,
शेखर सिंह
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
जब दूसरो को आगे बड़ता देख
Jay Dewangan
बुद्ध भक्त सुदत्त
बुद्ध भक्त सुदत्त
Buddha Prakash
क्यों कहते हो प्रवाह नहीं है
क्यों कहते हो प्रवाह नहीं है
Suryakant Dwivedi
हां....वो बदल गया
हां....वो बदल गया
Neeraj Agarwal
*अतिक्रमण ( हिंदी गजल/गीतिका )*
*अतिक्रमण ( हिंदी गजल/गीतिका )*
Ravi Prakash
दो💔 लफ्जों की💞 स्टोरी
दो💔 लफ्जों की💞 स्टोरी
Ms.Ankit Halke jha
// कामयाबी के चार सूत्र //
// कामयाबी के चार सूत्र //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हुनर है मुझमें
हुनर है मुझमें
Satish Srijan
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
Khem Kiran Saini
परिवार होना चाहिए
परिवार होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
Phool gufran
सरोकार
सरोकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
2613.पूर्णिका
2613.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
ruby kumari
दर्दे दिल की दुआ , दवा , किस से मांगू
दर्दे दिल की दुआ , दवा , किस से मांगू
श्याम सिंह बिष्ट
हे मनुज श्रेष्ठ
हे मनुज श्रेष्ठ
Dr.Pratibha Prakash
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
हजारों  रंग  दुनिया  में
हजारों रंग दुनिया में
shabina. Naaz
दिवाली का संकल्प
दिवाली का संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...