Shanky Bhatia Tag: ग़ज़ल/गीतिका 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shanky Bhatia 23 Dec 2016 · 1 min read पन्नों पे जो लिखा उन्हें, कलम नशीला हो गया पन्नों पे जो लिखा उन्हें, कलम नशीला हो गया, इस कदर बस गए हैं वो, ज़हन नशीला हो गया। शोलों सा जलता हुआ, शबनम सा उनका हुस्न, छूकर उनके जिस्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 249 Share Shanky Bhatia 23 Dec 2016 · 1 min read एक ख्वाब गुज़रा आज बड़े करीब से एक ख्वाब गुज़रा आज बड़े करीब से, उनकी झलक मिली हमें बड़े नसीब से। मुकम्मल हुए हमारे ख्वाब इसी ज़मीन पर, कि जैसे मिले हैं बरसों बाद अपने हबीब से।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 259 Share Shanky Bhatia 23 Dec 2016 · 1 min read हमारी ग़ज़लों से नशा, हर हसीं को होता है हम आप पर कर भी नहीं सकते नवाज़िशें, कि जिन पर आप का हो करम हक उन्हीं को होता है। आप पर सितम करने का तो सवाल ही नहीं, कि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 244 Share Shanky Bhatia 23 Dec 2016 · 1 min read हाँ तेरी नजरों में खुद को गिराना पड़ गया तुझे छोड़ने की वजह, वजह नहीं मजबूरी थी, किसी दुसरे का साथ नहीं, खुद ही से दूरी थी। जलकर भी खुद को तुझसे दूर करना ही था मुझको, कि तुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share Shanky Bhatia 23 Dec 2016 · 1 min read अब उम्र भर आंसू का, फरमान हुआ तो क्या हुआ जो इश्क़ के व्यापार में नुकसान हुआ तो क्या हुआ, गर इश्क़ के समन्दर का ही सफर, आसान हुआ तो क्या हुआ। दिल तोड़ने वाले ही ने उसे गुलशन बनाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 487 Share Shanky Bhatia 23 Dec 2016 · 1 min read ये ज़माना अभी बेखबर ही रहे तो बेहतर है उनके एहसास छलककर हम तक पहुँचना चाहते हैं, ज़ुबाँ पर न आएँ, आँखों ही में रहें तो बेहतर है। बादलों से झांकते चाँद का नूर अलग ही होता है, दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 390 Share Shanky Bhatia 23 Dec 2016 · 1 min read गालों पर हल्का सा उभरता ये गुलाल कैसा है वो हमसे पूछ रहे हैं कि हमारा हाल कैसा है, उन्हें क्या बताएं कि दिल में मलाल कैसा है। उनके ख्यालों ने जो घेरा है, ये जाल कैसा है, नज़रों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 224 Share Shanky Bhatia 23 Dec 2016 · 1 min read अब हमको भी लगने लगा कि आए इश्क के बाज़ार में हैं वो नहीं जानते, कि क्यूँ वो हमारे इंतज़ार में हैं, छा गया है हमारा सुरूर, वो अब इसी खुमार में हैं। हाँ ऐसा अभी तो नहीं कि उनका जवाब इकरार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share Shanky Bhatia 23 Dec 2016 · 1 min read पलकें झुकाकर, ज़ुल्फ़ों को संवारा उसने कुछ पल उसको एकटक, यूँ निहारा हमने, पलकें झुकाकर, ज़ुल्फ़ों को संवारा उसने। हम तो एकबार भी पलकें झुका न सके, और फिर पलकें उठाकर, हमें देखा दोबारा उसने। अभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 272 Share Shanky Bhatia 11 Dec 2016 · 1 min read हमारी बातों में, ज़िक्र आपका, सालों साल होना तो लाज़मी है कल सरे-राह नसीब से, जो हो गया दीदार उनका, अब हमारा इस तरह यूँ, बेहाल होना तो लाज़मी है। हमारी मुस्कान ने तुम्हारे मन पर, किया तो होगा कुछ असर,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share Shanky Bhatia 11 Dec 2016 · 1 min read मैं तन्हा रात काली स्याह देखती रही उनके बिना दीवारें भी मुझे काटने लगीं, मैं अनजानी हर अनजान राह देखती रही। बारी बारी से सभी चिराग बुझते गए, मैं तन्हा रात काली स्याह देखती रही। कुछ ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 407 Share Shanky Bhatia 11 Dec 2016 · 1 min read उसकी मासूमियत को हम आँखों से पढ़ लेते हैं हमने खुद ही उन्हें हमसे खफ़ा होने की वजह दे दी, कि गुस्से में उनके चेहरे की खूबसूरती बढ़ जाती है। रूठना मनाना न हो तो जैसे, मन में उमंग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 260 Share Shanky Bhatia 11 Dec 2016 · 1 min read नज़रें झुक गयी जबसे तुम्हारी अज़मत जानी है कितनी ठोकरों के बाद हमने तुम्हारी कीमत जानी है, जीवन संवर गया जबसे खुदा की दी नैमत*1 जानी है। कितना ही ग़ुरूर दिखाते थे सब नादानी थी हमारी, नज़रें झुक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 418 Share Shanky Bhatia 11 Dec 2016 · 2 min read कुछ तो बात हम में भी है अरे होंगी हज़ार कमियाँ यार, कुछ तो बात हम में भी है। सबको अपना कायल बना दें, ये करामात हम में भी है। अरे होंगी हज़ार कमियाँ..... भले एक सूनापन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 330 Share Shanky Bhatia 9 Dec 2016 · 1 min read उनकी महक से मौसम भी बहकने लगा उनसे मिलकर ख़ुशी कुछ ऐसी मिली, कि होठों के साथ आँखें भी मुस्काने लगीं। पल भर के लिए नज़रों को उनका दीदार क्या हुआ, नशा कुछ ऐसा चढ़ा कि ख़ामोशी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 206 Share Shanky Bhatia 9 Dec 2016 · 1 min read आपके होठों पे इक मुस्कान बिखर जाए तो अच्छा आपके होठों पे इक मुस्कान बिखर जाए तो अच्छा। इन निगाहों की तक़दीर संवर जाए तो अच्छा। आपके आने से हमको ये ख़ुशी जो मिली है, बस इसी से जीवन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 269 Share Shanky Bhatia 9 Dec 2016 · 1 min read वो चाहते हैं उनके शब्दों को महसूस करें हम वो चाहते हैं उनके शब्दों को महसूस करें हम, नज़रों से नज़र हटे, तो कुछ आगे बढ़ें हम। चेहरे की लिखावट में ही कब से फंसे हैं, अब ये उलझन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 456 Share Shanky Bhatia 8 Dec 2016 · 1 min read उनकी नेहा के रंग उनकी नेहा के रंग, हमारे चेहरे पर दिखने लगे, मुद्दत बाद हमारे नज़रे-दीदार किसी नज़ारे पर टिकने लगे। उनकी बातों का कुछ ऐसा सुरूर हम पर छाया, कि हम अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 380 Share