इंदु वर्मा Tag: कविता 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid इंदु वर्मा 19 Jul 2023 · 1 min read "बुजुर्ग" घर के सबसे बुजुर्ग सदस्य सा होता है "आंगन" वो देखता है बढ़ते हुए पौधे पूजती हुई तुलसी खिलखिलाता हुआ बचपन और तजुर्बे वाला पचपन, वो देखता है बरसता हुआ... Hindi · कविता 4 2 389 Share इंदु वर्मा 12 Jun 2023 · 1 min read "मेरा हिस्सा" हद से ज्यादा नहीं उसके हिस्से का आधा देना दबी सिकुची सी दिखे कहीं कुछ कर दिखाने का इरादा देना... रंग "गुलाबी" से "खाखी" हो गया अब उसकी पहचान का... Poetry Writing Challenge · कविता 2 141 Share इंदु वर्मा 12 Jun 2023 · 1 min read "बूंद " बूँद सिर्फ बूंद नहीं हर बूंद से एक कहानी टपकती है पानी की बूंद जब प्यासे से मिलती है अथाह सागर उसे सी तृप्ति देती है मय की बूंद जब... Poetry Writing Challenge · कविता 145 Share इंदु वर्मा 12 Jun 2023 · 1 min read "कविता" अक्सर लिखती हूँ तुम्हे हर बात के लिये लो आज कुछ बात लिखूं तुम्हारे लिए हर ज़ुबाँ में पहचान लिए, बिना जिस्म के जान लिए कभी चुप-खामोश,कभी रुदन-क्रंदन तो कभी... Poetry Writing Challenge · कविता 120 Share इंदु वर्मा 12 Jun 2023 · 1 min read "घरौंदा" "घरौंदा"..... ये नाम सिर्फ इतिहास का हिस्सा सा लगता है दादी नानी की कहानी का कोई किस्सा सा लगता है अब कहाँ नज़र आते हैं घर अब नज़र आते हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 114 Share इंदु वर्मा 10 Jun 2023 · 1 min read "कोई कुछ तो बता दो" गाँव शहर या छत आँगन गली मोहल्ला और बाजार लूँ सांस कहाँ बेडर होके वो जगह दिखा दो बस इक बार कसे हुए या ढीले ढाले जीन्स स्कर्ट और साड़ी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 353 Share इंदु वर्मा 10 Jun 2023 · 1 min read "सरलता" माना की बह जाता है कहीं भी कैसे भी ढल जाता है किसी भी रूप में मिल जाता है किसी भी रंग में कभी मीठा तो कभी तीखा घुल जाता... Poetry Writing Challenge · कविता 241 Share इंदु वर्मा 8 Jun 2023 · 1 min read "नया दिन" आज से मन में "शंकाओं"के जो जाले हैं पहले उन्हें हटाना और ये जो गर्द जमी "नाउम्मीदी" की उसे अच्छे से झाड़ना दिमाग का हर हिस्सा खंगालना टटोलना हर किस्से... Poetry Writing Challenge · कविता 1 133 Share इंदु वर्मा 8 Jun 2023 · 1 min read "मुखौटे" मुखौटे ही मुखौटे दिखते हैं, चेहरा तो कोई दिखता ही नहीं मुस्कुराहटें भी फैली हैं यहां वहां खुश होने के लिए कोई हंसता ही नहीं आंखों में जीतना सूखापन दिल... Poetry Writing Challenge · कविता 1 1 439 Share इंदु वर्मा 25 May 2023 · 1 min read "चलो मिल जायें" चलो इक दूजे से कुछ ऐसे मिल जायें। पानी में जैसे,कोई मिश्री घुल जाए एक मस्ज़िद में कहीं “आरती” सुन आयें कुछ दूर मंदिर में वहीँ “आयत” पढ़ आयें चलो... Poetry Writing Challenge · कविता 2 143 Share इंदु वर्मा 25 May 2023 · 1 min read "खुदा को रुलाता बचपन" भीख के कटोरे में मजूबूरी को भरकर… ट्रॅफिक सिग्नल पे ख्वाबों को बेच कर… ज़रूरत की प्यास बुझाता बचपन……… नन्हे से जिस्म से करतब दिखा कर… ज़िंदगी की कीमत चुकाता... Poetry Writing Challenge · कविता 1 240 Share इंदु वर्मा 25 May 2023 · 2 min read "माँ मुझे डर लगता है" मां मुझे डर लगता है . . . . बहुत डर लगता है . . . . सूरज की रौशनी आग सी लगती है . . . . पानी की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 553 Share इंदु वर्मा 19 May 2023 · 1 min read सखी तू... मैं डूबती हुई चींटी सी तू जान बचाता तिनका है मैं जाप का जैसे धागा हूँ तू उसका सूंदर मनका है, मैं दिल में बैठी बात कोई तू उस बात... Poetry Writing Challenge · कविता 1 233 Share इंदु वर्मा 17 May 2023 · 1 min read "गलत बात" उसने सुना नहीं ये गलत नहीं तुमने पुकारा नहीं गलत बात है... तुम हार गये तो क्या हो गया हार मानी तुमने ये गलत बात है.... दर्द भरा आंखों में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 216 Share इंदु वर्मा 17 May 2023 · 1 min read "गैरों की बेटियां" कितना आसान है न…. गैरों की बेटियों का वजूद तय कर जाना … नज़रिए के तराजू को अपमान से भरकर… उसके तन और मन को एक साथ तोल जाना अपने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 71 Share इंदु वर्मा 17 May 2023 · 1 min read "आज़ादी" जब हर बचपन के हिस्से में “पढ़ाई” होगी और बेटी होने पर सांत्वना नहीं “बधाई” होगी जब पेड़ों पर लाशें नहीं बस झूले होंगे जब घर भरे और “वृद्धाश्रम” खाली... Poetry Writing Challenge · कविता 101 Share इंदु वर्मा 17 May 2023 · 1 min read "प्रेमगीत" दिल चाहता हैं मैं भी प्रेमगीत लिखूँ शब्दों से सजाकर अपना मनमीत लिखूँ बारिश की बूँदें,फूलों की खुशबू हवा की सनसनाहट,चाँद की आहट लिखूँ…. दिल चाहता है मैं भी प्रेम... Poetry Writing Challenge · कविता 175 Share इंदु वर्मा 17 May 2023 · 1 min read "अगले जनम मोहे बिटिया न देना" माँ बहुत दर्द सह कर, बहुत दर्द दे कर, तुझसे कुछ कह कर मैं जा रही हूँ। आज मेरी विदाई में जब सखियाँ मिलने आएंगी, सफ़ेद जोड़े में लिपटी देख... Poetry Writing Challenge · कविता 240 Share इंदु वर्मा 16 May 2023 · 1 min read "आओ सखी उड़ें"🦋 सुनो सखी क्यों बैठी हो यूँ डरी,सहमी,छिपी,झिझकी क्या हुआ जो कुछ बिखरा, कुछ टूटा तुमसे क्या याद नहीं इंसा से ही होती हैं भूलें या भूल गई कि इंसा हो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 161 Share इंदु वर्मा 14 May 2023 · 1 min read "एक अरसा हुआ" एक अरसा हुआ अल्फ़ाज़ों को "स्याही" में भीगा देखे कम्बख़त "मोबाइल" ने "चिठ्ठियों"का वज़ूद खत्म कर दिया..✉️ वक़्त हो गया "लहराते-इठलाते" सड़कों को नापे तरह तरह की गाड़ियों ने "साइकिल"... Poetry Writing Challenge · कविता 1 141 Share इंदु वर्मा 14 May 2023 · 1 min read "मुझे कुछ बन जाने दो माँ" पेन्सिल रहने दो हाथों में चौका बेलन न थमाओ माँ मुझे स्कूल ड्रेस में सजने दो घूंघट,चुन्नी न ओढ़ाओ माँ न हाथ रंगों हल्दी,मेहंदी से इन्हें स्याही से रंग जाने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 484 Share इंदु वर्मा 14 May 2023 · 1 min read "हाँ बहुत कुछ शहीद होता है" #कारगिल_विजय_दिवस #देशप्रेम #सैनिक #शहादत #नमन #शहीद 🙏 हां बहुत कुछ शहीद होता है एक सैनिक के साथ उम्र भर साथ निभाने की तसल्लियाँ जो हर बार बीवी को देकर जाता... Poetry Writing Challenge · कविता 88 Share इंदु वर्मा 14 May 2023 · 2 min read "कभी कभी जी लेना चाहिए" कभी कभी जी लेना चाहिए ये भूलकर कर की उम्र बढ़ रही है जिम्मेदारियां रफ्तार पकड़ रही है, ये भूल कर की कपड़े अभी सिमटे नहीं और सिंक में अभी... Poetry Writing Challenge · कविता 121 Share इंदु वर्मा 14 May 2023 · 1 min read "माँ" चक्की के दो पाट से रिश्ते धान सी पिसती बीच में "माँ" रिश्तों के बीच-बचाव में आ कर चप्पल जैसी घिसती "माँ" ☹️ रिश्ते नाते घर परिवार अच्छा बुरा सब... Poetry Writing Challenge · कविता 549 Share इंदु वर्मा 4 Oct 2022 · 2 min read आओ जी लें....❤️ कभी कभी जी लेना चाहिए ये भूलकर कर की उम्र बढ़ रही है जिम्मेदारियां रफ्तार पकड़ रही है, ये भूल कर की कपड़े अभी सिमटे नहीं और सिंक में अभी... Hindi · कविता 2 2 213 Share इंदु वर्मा 21 Aug 2020 · 1 min read आज़ादी ???? जब हर बचपन के हिस्से में "पढ़ाई" होगी और बेटी होने पर सांत्वना नहीं "बधाई" होगी जब पेड़ों पर लाशें नहीं बस झूले होंगे जब घर भरे और "वृद्धाश्रम" खाली... Hindi · कविता 5 2 358 Share इंदु वर्मा 7 Oct 2019 · 1 min read "बेटियां" वो फ़िक्र भी,वो फ़ख़्र भी सीधी सी बात में घुला तर्क सी, वो हकीकत भी,ख्वाब भी घर के खर्चे से बचा हुआ हिसाब सी, कभी नीम की निम्बोली तो कभी... Hindi · कविता 4 1 420 Share इंदु वर्मा 10 Sep 2019 · 2 min read "मैं क्यूँ पुरुष हूँ???" #पीड़ापुरुषकी #painofmen मैं पुरुष हूँ और मैं भी प्रताड़ित होता हूँ मैं भी घुटता हूँ पिसता हूँ टूटता हूँ,बिखरता हूँ भीतर ही भीतर रो नहीं पाता,कह नहीं पाता पत्थर हो... Hindi · कविता 9 6 931 Share इंदु वर्मा 15 Feb 2017 · 1 min read "बहुत कुछ शहीद होता है" ? हां बहुत कुछ शहीद होता है एक सैनिक के साथ उम्र भर साथ निभाने की तसल्लियाँ जो हर बार बीवी को देकर जाता था और कुछ दिलासायें जो उन नन्हों... Hindi · कविता 3 4 341 Share इंदु वर्मा 12 Feb 2017 · 1 min read "बचपने वाला बचपन" ? दुबका पड़ा है घर का हर कोना छुपम छुपाई में कोई छुपता नहीं है सूनी पड़ी हैं मोहल्ले की गालियां पकड़म पकड़ाई में कोई पकड़ता नहीं है सतोलिये के पत्थर... Hindi · कविता 3 1 585 Share इंदु वर्मा 7 Feb 2017 · 1 min read "हे प्रिये" ? तुम सीख लिखे से श्यामपट्ट मैं बिन शिक्षक सी शाला प्रिये तुम INCOM TEX की रेड सी हो मैं छिपा हुआ धन काला प्रिये ? तुम सदाबहार सा गीत कोई... Hindi · कविता 5 2 1k Share इंदु वर्मा 6 Feb 2017 · 2 min read "माँ मुझे डर लगता है"? मां मुझे डर लगता है . . . . बहुत डर लगता है . . . . सूरज की रौशनी आग सी लगती है . . . . पानी की... Hindi · कविता 16 12 21k Share इंदु वर्मा 4 Feb 2017 · 1 min read "प्रेमगीत" ? दिल चाहता हैं मैं भी प्रेमगीत लिखूँ शब्दों से सजाकर अपना मनमीत लिखूँ बारिश की बूँदें,फूलों की खुशबू हवा की सनसनाहट,चाँद की आहट लिखूँ.... दिल चाहता है मैं भी प्रेम... Hindi · कविता 3 1 355 Share इंदु वर्मा 10 Jan 2017 · 1 min read "खुबसीरत" सी बेटियाँ" :) कितना आसान है न.... गैरों की बेटियों का वजूद तय कर जाना … नज़रिए के तराजू को अपमान से भरकर… उसके तन और मन को एक साथ तोल जाना अपने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 888 Share इंदु वर्मा 9 Jan 2017 · 1 min read " चलो इक दूजे से कुछ ऐसे मिल जायें" ☺ चलो इक दूजे से कुछ ऐसे मिल जायें। पानी में जैसे,कोई मिश्री घुल जाए एक मस्ज़िद में कहीं "आरती" सुन आयें कुछ दूर मंदिर में वहीँ "आयत" पढ़ आयें चलो... Hindi · कविता 2 1 360 Share इंदु वर्मा 7 Jan 2017 · 1 min read "शरीर ही तो झुलसा है" शरीर ही तो झुलसा है... रूह में जान अब भी बाकी है.. हिम्मत से लड़ूंगी ज़िन्दगी की लड़ाई आत्मसम्मान मेरा अब भी बाकी है... मिटाई है लाली होठों की मेरी... Hindi · कविता 2 354 Share इंदु वर्मा 5 Jan 2017 · 1 min read "कोई कुछ तो बता दो बस इक बार":( गाँव शहर या छत आँगन गली मोहल्ला और बाजार लूँ सांस कहाँ बेडर होके वो जगह दिखा दो बस इक बार कसे हुए या ढीले ढाले जीन्स स्कर्ट और साड़ी... Hindi · कविता 2 1 417 Share इंदु वर्मा 5 Jan 2017 · 1 min read "खुदा को रुलाता बचपन" भीख के कटोरे में मजूबूरी को भरकर... ट्रॅफिक सिग्नल पे ख्वाबों को बेच कर... ज़रूरत की प्यास बुझाता बचपन......... नन्हे से जिस्म से करतब दिखा कर... ज़िंदगी की कीमत चुकाता... Hindi · कविता 4 1 345 Share इंदु वर्मा 5 Jan 2017 · 1 min read "अगले जनम मोहे बिटिया न देना" ? माँ बहुत दर्द सह कर, बहुत दर्द दे कर, तुझसे कुछ कह कर मैं जा रही हूँ। आज मेरी विदाई में जब सखियाँ मिलने आएंगी, सफ़ेद जोड़े में लिपटी देख... Hindi · कविता 2 1 538 Share