हेमा तिवारी भट्ट Language: Hindi 81 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 हेमा तिवारी भट्ट 16 Feb 2017 · 1 min read माँ ??. माँ .?? कलेजे के टुकड़े को अपने, गर्माती थी वो खुद भीगकर भरती थी पेट अपने अंश का, खुद वो आँसू पी-पी कर पल पल बढे़ उसके पंख, अपने... Hindi · कविता 295 Share हेमा तिवारी भट्ट 2 Feb 2017 · 2 min read क्यों लिखूँ पत्र "मानस बेटा!चलो कल के हिन्दी टेस्ट का रीविजन कर लो|पत्र याद कर लिया या नहीं" रूचि ने देखा कि मानस फोन में गेम खेल रहा था|उसने मानस के हाथ से... Hindi · लघु कथा 499 Share हेमा तिवारी भट्ट 2 Feb 2017 · 1 min read आया बसंत आया बसंत आया बसंत सखि आया बसंत हर्ष अनंत सखि लाया बसंत ग्रीष्म,शीत,वर्षा, हेमन्त,शिशिर का, मनमोहन कंत सखि आया बसंत ले धरा अंगड़ाई, हो हरित हर्षायी, खिले पुष्प-दंत सखि आया... Hindi · गीत 1 1 542 Share हेमा तिवारी भट्ट 1 Feb 2017 · 1 min read बासन्ती मुक्तक ??बासन्ती मुक्तक?? धरती ने नव वसन धरे, सज गये दिग दिगन्त शीत तिमिर ओझल हुआ, जीवन में उगा बसंत||१|| संचित मन में यदि करें, बासन्ती उल्लास दुःसह पड़ेंगे फिर नहीं,... Hindi · मुक्तक 307 Share हेमा तिवारी भट्ट 26 Jan 2017 · 1 min read जागो मतदाता जागो ?जागो मतदाता जागो? देश का कल रहा पुकार है मतदान तेरा अधिकार श्रमिक,बणिक सुनो नर औ'नार वक्त की है यह दरकार जो मत देते नहीं हैं जन देश के वे... Hindi · कविता 428 Share हेमा तिवारी भट्ट 10 Jan 2017 · 1 min read जागो कहाँ गुम हो बेटी बहुधा लिखी गयी 'बेटी' लेकिन अवर्णित है 'बेटी' फिर से कलम की नोक पे है काँटों की नोक पे जो बेटी नभ छूकर आयी है 'बेटी' पर्वत चढ़ आयी है'बेटी'... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 745 Share हेमा तिवारी भट्ट 9 Jan 2017 · 2 min read डियर जिन्दगी डियर जिन्दगी, जीती आयी हूँ मैं तुम्हें आज तक कभी रो के कभी हँस के,कभी-कभी बहुत झल्लाया है तुमने और बहुत बहुत रूलाया भी इतना कि ...... मौत से दोस्ती... Hindi · लेख 518 Share हेमा तिवारी भट्ट 1 Jan 2017 · 1 min read नया साल [12/31/2016, 8:12 PM] bhatthema3: स्वागत नये साल का दिल से मनाइये लेकिन जाता साल यूँ न बिसराइये तोहफा मिला नया जिसकी शहादत से नाम उसके भी इक चिराग जलाइये ✍हेमा... Hindi · मुक्तक 396 Share हेमा तिवारी भट्ट 31 Dec 2016 · 1 min read क्या होगा नये साल में नाचती ता थैय्या काल की करताल में मना रही जश्न पर,घिरी हूँ सवाल में सोच रही हूँ,क्या होगा नये साल में क्या धरा के सीने से रवि फूटेगा या किसी... Hindi · कविता 324 Share हेमा तिवारी भट्ट 28 Dec 2016 · 1 min read आईना क्यों रूठूँ मैं आइने से भला, हर कदम जो मेरे साथ चला सँवारा हर पल लम्हा जिसने वो इश्क मेरा पहला पहला मुस्कुराया था जब हुई खुश मैं गम में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share हेमा तिवारी भट्ट 28 Dec 2016 · 1 min read बेटी बेटी फेहरिस्त-ए-किरदार औरत से, बेटी भी एक किरदार है| यूँ तो हर रूप उम्दा है पर बेटी तो बहार है| आंगन में उससे खुशियाँ वह रहमत-ए-परवरदीगार है| शैतानियत कर दे... Hindi · कविता 2 651 Share हेमा तिवारी भट्ट 19 Dec 2016 · 1 min read राष्ट्र निर्माता गरिमामयी पद पर हैं दाग,आहत हूँ मैं राष्ट्र निर्माता हूँ या आत्मघातक हूँ मैं चिन्तन का है विषय,आत्ममंथन कर लूँ खलनायक नहीं,राष्ट्र नायक हूँ मैं नित करूँ जतन, नहीं जड़,मैं... Hindi · कविता 272 Share हेमा तिवारी भट्ट 18 Dec 2016 · 1 min read फिर वही चाँद है फिर वही चाँद है,फिर वही रात पर जाने न क्यों आज वह बात तुम भी वही ,हूँ मैं भी वही, पर क्यों बदले बदले जज्बात फीका है चाँद और गहरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 405 Share हेमा तिवारी भट्ट 15 Dec 2016 · 1 min read दहलीज से दहलीज तक दहलीज से दहलीज तक (हर औरत को समर्पित) ?????? इस दहलीज से ........ उस दहलीज तक जाने में कतर जाते हैं उसके पंख बिखर जाते हैं उसके ख्वाब चुभती हैं... Hindi · कविता 302 Share हेमा तिवारी भट्ट 13 Dec 2016 · 1 min read हम सब फूल विविध वर्णों के ?????? हम सब फूल विविध वर्णों के, सतरंगी संसार बनायेंगे बैर-भाव से हमें जूझना, हेतु कवच के प्यार लगायेंगे ?????? विस्तृत वसुधा बने वाटिका, सौरभ चहुँ ओर बिखेरेंगे मुस्कान-मधु वितरित... Hindi · कविता 223 Share हेमा तिवारी भट्ट 12 Dec 2016 · 1 min read सजा खुद के लिए खुद सजा मुकर्रर की शादी तो की मैंने,नौकरी भी की| निकली थी आसमां की तलाश में, जमीं भी पर पैरों तले न रही| इक अनुभवी ने कहा... Hindi · कविता 663 Share हेमा तिवारी भट्ट 12 Dec 2016 · 1 min read ठण्ड का असर हवा में ठण्ड का असर दिख रहा है चुप-चुप सा यह शहर दिख रहा है बहता था कल-कल नदिया के जैसे जम गया सा वो ही मगर दिख रहा है... Hindi · कविता 539 Share हेमा तिवारी भट्ट 12 Dec 2016 · 1 min read ज्ञानी हो नव पीढ़ी या केवल साक्षर दुर्दशा शिक्षा की,हो रही है किस तरह अज्ञान,भ्रष्टाचार,चाहे जो भी हो वजह सरकारी सारे काम,बस कागजों में चलेंगे लिख लेने भर से नाम,पढ़े लिखे बनेंगे इससे भी बुरा पर,उनका हुआ... Hindi · कविता 203 Share हेमा तिवारी भट्ट 12 Dec 2016 · 1 min read यत्र नार्यास्तु पूज्यन्ते मुझे गर्व है भारत की संस्कृति पर 'यत्र नार्यास्तु पूज्यन्ते' की धरती पर मेरी संस्कृति सीखाती है आदर माँ का पर फिर क्यों मूर्ति रूप में पूजी जाती है माँ... Hindi · कविता 588 Share हेमा तिवारी भट्ट 12 Dec 2016 · 1 min read मुक्तक (१) सम्मान सम्मानित हुआ मंच भी पुलकित हुआ समर्थ कलम है आपकी , जो रचा सुचर्चित हुआ ?हेमा तिवारी भट्ट [12/11, 4:12 PM] bhatthema3: (२) शब्दों का शोर सुखद तराना... Hindi · मुक्तक 223 Share हेमा तिवारी भट्ट 12 Dec 2016 · 1 min read मुझे स्नेह है उत्सवों से मैं हिन्द की हूँ सन्तति, मुझे स्नेह है उत्सवों से जीवन का हर क्षण उत्सव है, सज्जित धानी पल्लवों से उल्लास के उद्भव स्थल, सदा हृदय में होते हैं "किसका... Hindi · कविता 242 Share हेमा तिवारी भट्ट 11 Dec 2016 · 4 min read फौजी परिवार वे दुःख भरे अनुभव फिर ताजा हो गये|मैं चार माह की गर्भवती थी,जब सियाचिन ग्लेशियर जैसे दुर्गम पोस्ट में इनकी तैनाती हुई|घर में पहली संतान की आमद होने को थी,घर... Hindi · कहानी 1 364 Share हेमा तिवारी भट्ट 11 Dec 2016 · 1 min read जानो मुझको बस इंसान सच हो सपनों की मुस्कान पंखों को मेरे मिले उड़ान व चाहूँ मैं अतिशय ध्यान जानो मुझको बस इंसान| दिवस विशेष का देकर दान क्यों करते मन मेरा म्लान चाहूँ... Hindi · कविता 542 Share हेमा तिवारी भट्ट 11 Dec 2016 · 1 min read हास तुम्हारा खिलखिलाती धूप सा है, हास तुम्हारा कुशल अहेरी अद्भुत है यह पाश तुम्हारा हर मन को तुम लगते हो जाने पहचाने स्वर मधुर बनिक से निकले ऋणी बनाने छा गया... Hindi · गीत 271 Share हेमा तिवारी भट्ट 6 Dec 2016 · 1 min read मुक्तक (1) 'सदा' भी सदा कहाँ सुनते हैं लोग, माना फानी दुनिया में खुदगर्ज लोग, पर दे न सुनाई जो कभी सदा-ए-लब, सदा-ए-चश्म दिल से भी सुनते चंद लोग (2) हमें... Hindi · मुक्तक 1 268 Share हेमा तिवारी भट्ट 6 Dec 2016 · 1 min read अमोल रत्न बाबा साहब सपने सच हो रहे तमाम, हे स्वपनदृष्टा! तुमको प्रणाम तुमने जो कर दिखाया है मनुज सोच भी न पाया है ऐसा प्रणबल,जिसकी न थाह नापा संघर्ष-सागर अथाह दिया संविधान,तुमने बेमिसाल... Hindi · कविता 1 1 252 Share हेमा तिवारी भट्ट 5 Dec 2016 · 4 min read जहर ?जहर(एक लघु कथा)? "मनु और मीनू! यहाँ आओ बेटा जल्दी से भगवान जी का प्रसाद ले लो|" "नहीं माँ,मुझे नहीं खाना" नन्हा मनु मुँह बिगाड़ता हुआ बोला"और मुझे भी नहीं... Hindi · लघु कथा 323 Share हेमा तिवारी भट्ट 5 Dec 2016 · 3 min read हमारी प्यारी हिन्दी ??हमारी हिन्दी?? भाषाओं का मानव जीवन में अपना महत्व है|हमारे हृदय के उद्गारों को प्रकट करने हेतु जो भाषा सबसे सहज और सुग्राह्य है,वह होती है हमारी मातृभाषा|और हमारी मातृभाषा... Hindi · लेख 629 Share हेमा तिवारी भट्ट 5 Dec 2016 · 1 min read जो झेलते हैं जो झेलते हैं,वो जानते हैं, हकीकत को पहचानते हैं, कर्मठ हैं जो जीवन में, खाक वही तो छानते हैं| सुलग रहा भीतर भीतर लावा सा उफान पे है, बिगड़ते जाते... Hindi · मुक्तक 460 Share हेमा तिवारी भट्ट 4 Dec 2016 · 1 min read इश्क में हमारे इश्क में हमारे वो मुकाम आ गया अपना कहा मगर उनका नाम आ गया पीकर जिसे होश दुनिया की न रहे जिन्दगी के हाथ में वो जाम आ गया आँखों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 382 Share हेमा तिवारी भट्ट 23 Nov 2016 · 1 min read मुक्तक "आखिर कोई कितना रोए अश्रु से दुख क्यों भिगोए भारी होते भीग भीग कर दुखड़े हैं रूई के फोहे चलो हँसी की हवा चलाएँ भीगे हैं गम उन्हें सुखाएँ मन... Hindi · मुक्तक 2 505 Share Previous Page 2