DESH RAJ Language: Hindi 67 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 DESH RAJ 2 Jun 2017 · 1 min read मोरे सैंया तरस रही तुम बिन मोरी अंखियाँ दरस दिखा जाओ सैंया , दर-2 भटकूँ , तेरी राह निहारूं ,दरस दिखा जाओ मोरे सैंया I नैन तुम्हारे सागर से भी ज्यादा है... Hindi · कविता 670 Share DESH RAJ 2 May 2017 · 1 min read दुर्घटना का दंश बेबस जिंदगियों को जीवन की पुकार करते नहीं देखा आज से पहले , पल भर में जिंदगी को इस तरह मुहँ मोड़ते नहीं देखा आज से पहले I “प्रेम की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 624 Share DESH RAJ 22 Mar 2017 · 2 min read चिड़िया का घोंसला “ चिड़िया ” घोंसला छोड़कर आसमान से पार उड़ गई ,हम बस देखते रह गए , सूनी हो गई पेड़ की पत्ती-डालें , हम आसमान की ऊंचाईयों को देखते रह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 2k Share DESH RAJ 18 Mar 2017 · 2 min read “ विश्वास की डोर ” कठिन पथरीली राहों पर चलकर जीवन की मंजिल पा ही लेंगे , जमाना कुछ भी कहे, दिलों में मोहब्बत का “दिया” जला ही देंगे I “विश्वास की डोर ” से... Hindi · कविता 2 1 880 Share DESH RAJ 12 Mar 2017 · 1 min read “ गंगा ” का सन्देश गंगा कल-कल करती जाती अविचल , मन है जिसका चंचल, हृदय स्वच्छ निर्मल , बह जाते जिसमें सारे के सारे दावानल , फिर भी जल है जिसका रहता शुभ मंगल... Hindi · कविता 2 733 Share DESH RAJ 4 Mar 2017 · 2 min read प्रेम की किताब मन–मंदिर में एक दिन मेरी नज़र एक किताब पर पड़ गई , इस अनोखी किताब को पढ़कर मेरी तक़दीर ही बदल गई , “जग के मालिक” के प्यार की दौलत... Hindi · कविता 1k Share DESH RAJ 22 Feb 2017 · 1 min read जुल्म की इन्तहा “ जुल्म की इन्तहा ” करके “ जहाँ ” में वो वफ़ा की उम्मीद करते , खुशियाँ छीनकर “जग के मालिक” से खुशियों की उम्मीद करते I प्यार के गुलशन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 2k Share DESH RAJ 18 Feb 2017 · 1 min read “ पगडंडी का बालक ” गाँव की पगडंडी से गुजरते हुए एक बालक को हमने देखा, नन्हें हाथों में बस्ता, उसकी आँखों में आशा की किरणें देखा I उसके पेट में भूख व हाथ भी... Hindi · कविता 1k Share DESH RAJ 11 Feb 2017 · 1 min read सच्चा रिश्ता रिश्तों को देखा मौसम के रंग की तरह बदलते हुए, मोतियों को देखा “प्यार की माला ”से बिखरते हुए , आदमी को देखा नफरत के चक्रव्यूह में फंसते हुए, दिये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1k Share DESH RAJ 8 Feb 2017 · 1 min read परदेश एक दिन परदेश छोड़कर तुझे दूर अपने “देश ” है जाना , सखी, तू क्यों होती है उदास , तुझे “पिया” घर है जाना I रिश्ते- नाते छोड़कर तुझे “पिया”... Hindi · कविता 1 1k Share DESH RAJ 5 Feb 2017 · 1 min read कश्मीर की तस्वीर एक दिन सपने में देखा अपना प्यारा कश्मीर, “स्वर्ग से सुंदर ” धरा की उजड़ी हुई तस्वीर I आदमी को आदमी का लहू पीते देखा , इंसान को भेड़-बकरियों की... Hindi · कविता 1 1 983 Share DESH RAJ 3 Feb 2017 · 2 min read “माँ भारती” के सच्चे सपूत नफरत की फसल उगाकर बहुत मुस्करा रहे वो, इंसानियत का जनाज़ा निकालकर मुस्करा रहे वो I इन्सान-इन्सान को बाँट कर क्या मिल जायेगा तुमको ? कोठियां,गाड़ी,सत्ता बढाकर क्या मिल जायेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1k Share DESH RAJ 2 Feb 2017 · 1 min read तेरी सूरत जहाँ भी देखता हूँ , इस “जहाँ” में तेरी सूरत नज़र आती है, तेरी सूरत में इस “ जहाँ ” की सारी खुशियाँ नज़र आती है , तेरी एक नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1k Share DESH RAJ 30 Jan 2017 · 1 min read जिंदगी की रेस दूर तक बस केवल एक सन्नाटा नज़र आता है, सन्नाटे में आदमी को सिर्फ भागते हुए पाता हूँ I जिंदगी को रेस बनाकर हम कहाँ दौड़ते जा रहे ? कहाँ... Hindi · कविता 2 1k Share DESH RAJ 29 Jan 2017 · 1 min read अनोखा गुलाब (“माँ भारती ”) उपवन में हमने देखा एक अनोखा गुलाब, उसके रंगों में था, प्रेम - प्यार का शबाब , काँटों के मध्य उसमें थी , उमंग बेहिसाब, सभी को दिया उसने प्यार... Hindi · कविता 1k Share DESH RAJ 27 Jan 2017 · 2 min read खूबसूरत तस्वीर दिल की हसरत है कि तुझसे मिलकर अपने प्यार का इजहार करूँ, हर एक दिन तेरी खूबसूरत तस्वीर को दिल से लगाकर दीदार करूँ I तेरे सुन्दर शहर में यह... Hindi · कविता 1 1k Share DESH RAJ 26 Jan 2017 · 2 min read बस एक ही भूख जिंदगी की राह में चलते-चलते आज मायूस हो गए, माया की दुनिया में लक्ष्य से हटने पर मजबूर हो गए I कभी अरमान था कि एक महकता गुलिस्ताँ बनाऊंगा, “इंसानियत”... Hindi · कविता 1 1 1k Share Previous Page 2