विनोद सिन्हा "सुदामा" Tag: कविता 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनोद सिन्हा "सुदामा" 25 Feb 2018 · 2 min read सुहाग..।।। आज अपनी कोशिशों से अलग कुछ लिखने की कोशिश,आप सभी के सामने समीक्षा हेतु रख रहा हूँ आशीर्वाद प्रदान करें.। सुहाग..।।। हाँ सुहाग हूँ मैं एक सुहागन के माथे का... Hindi · कविता 1k Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 25 Feb 2018 · 1 min read आज की नारी..। आज की नारी..। सुनो न...। सुनो न,सुनती हो.. अरे रूको तो.. कब तक भागती रहोगी घड़ी के काँटों की तरह निरंतर लगातार दो घड़ी साँस तो ले लो अरे सुनो... Hindi · कविता 1 525 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 23 Mar 2017 · 1 min read जरा याद करो कुर्बानी शहीद दिवस ???जरा याद करो कुर्बानी??? चले गए जो हँसते -हँसते, बाँध अपने सर पे कफ़न उन शहीदों के हर कुर्बानी को, मेरा शत्-शत् नमन..। जिन वीरों ने अपने प्राण... Hindi · कविता 651 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 4 Mar 2017 · 2 min read मै पानी हूँ... मै पानी हूँ.। मै पानी हूँ..। मै स्रोत भी हूँ, मै सार भी हूँ, सच मानो तो मै हीं संसार हूँ, धरा तड़पती आलिंगन को मेरे, खेतें चुम्बन को तरसतीं... Hindi · कविता 637 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 1 Feb 2017 · 1 min read मुझको वर दे.... ? या देवी सर्वभूतेषु, विद्या रूपेण संस्थिता।? ? नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।? जय माँ सरस्वती.....।। जय जय,जय हे माँ शारदे, हे देवी सरस्वती तू मुझको वर दे.। मुझको विद्या... Hindi · कविता 484 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 31 Jan 2017 · 2 min read वीवी और हादसा...। व्यंग्य...।। वीवी और हादसा...।। क्या जिक्र करुं घटती है घटना ऐसी क्यूँ अक्सर.। क्यों होते रहतें हादसे ऐसे जीवन मे हम इंसान के.। रूह कांप रहें थे मेरे और था... Hindi · कविता 490 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 25 Jan 2017 · 1 min read खिड़कियाँ..।।।। खिड़कियाँ.. जाने कितने एहसासों के रंग मे, हर क्षण रंगती रहीं "खिड़कियाँ संग पलकों के मेरे ही खुलती., और बंद होती रहीं "खिड़कियाँ" इक झलक दिखलाने को उसकी, हरपल बुलाती... Hindi · कविता 1k Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 20 Jan 2017 · 1 min read नजर..।। ??..नजर..?? नजर ने नजर को जब नजर से बुलाया.। नजर ने नजर को तब नजर दिखाया.। ? ? नजर ने नजर से जब नजर मिलाया.। नजर ने नजर से तब... Hindi · कविता 1 1 563 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 16 Jan 2017 · 2 min read "बेटी बोझ नही..." मेरी यह कविता उन माता - पिता के लिये एक संदेश जो बेटीयों को बोझ समझतें हैं और उसके जन्म से पहले ही उसे कोख मे ही मार देतें हैं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 16 Jan 2017 · 1 min read अब ना हार मान तू ....। अब ना हार मान तू ....। उठ अब ना हार मान तू , जीत जिंदगी को जीत का श्रृंगार कर.। हार भी जीत का इक पहलू है, हार का ना... Hindi · कविता 559 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 1 Jan 2017 · 2 min read नव वर्ष कि पहली किरण... नव वर्ष की पहली किरण.....। बीत गया पुराना साल देखो.। लिऐ उम्मीदों का कई कोरा कफन.। नये उम्मीदों को सच करने को .। नये साल मे छू ले अपनी धरा... Hindi · कविता 759 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 23 Dec 2016 · 2 min read कभी कभी मेरे दिल मे...। कभी कभी...। कभी कभी मेरे दिल मे खयाल आता है..।। कि जिंदगी इतनी वीरान नही होती, गर तू मेरे साथ होती तू मेरे पास होती...। कभी मै तुझे सहेजता.. कभी... Hindi · कविता 827 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 17 Dec 2016 · 2 min read "निर्भया" - तुम हमे माफ़ कर देना निर्भया" - तुम हमे माफ़ कर देना..!! "निर्भया" तुम हमे माफ़ कर देना, कि हम बहुत शर्मिन्दा है...!!! हम भूल गयें तुम्हारी उन चीखों को, जो वेवश कंठो से निकले... Hindi · कविता 1 546 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 11 Dec 2016 · 1 min read तृप्ति.... तृप्ति.... "तू" मुझमें है "मै" तुझमे हूं. फिर कैसा "मै" और कैसी "तू"..? जब "तू और मै" के मिलने से ही तृप्ति "हम" का होना है...! फिर क्यूँ न एक... Hindi · कविता 549 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 6 Dec 2016 · 2 min read "बेटी और कोख" बलात्कार की बढती घटना से त्रस्त एक मां की अपनी कोख मे पल रही बेटी के लिये संवेदना जाहिर करती मेरी कविता..!! "बेटी और कोख" आ बेटी तुझपे आज मै... Hindi · कविता 1 632 Share