बदनाम बनारसी Language: Hindi 77 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 बदनाम बनारसी 29 Feb 2020 · 1 min read वो निगहबान हो गए जो घरवाले रहे वो अब मेहमान हो गए, वर्षों पुराने दुश्मन अब निगहबान हो गए, कभी जो हुआ करते थे जंगल हरे, वो सब अब श्मशान हो गए। सहे हैं... Hindi · मुक्तक 8 4 555 Share बदनाम बनारसी 20 Nov 2019 · 1 min read शेर अब तो कोई वजह भी न बची रोने के लिए, चंद गलतफहमियां पाल लेता हूं मैं खुश होने के लिए।। Hindi · मुक्तक 5 293 Share बदनाम बनारसी 22 Sep 2019 · 1 min read इश्क़ की बदनसीबी मैं नज़रे मिलाऊँ, वो नज़रें झुकाएँ, मैं नज़रें हटाऊँ, वो नज़रें मिलाएं, नज़र ही नज़र में नज़र मारते हैं, ये मैं जानता हूँ वो हमें चाहते हैं। मगर इश्क़ की... Hindi · कविता 7 4 324 Share बदनाम बनारसी 10 Apr 2019 · 1 min read अब तो मिलने से भी घबरा रहा हूँ हूँ मैं काला तिल उनकी गालों का, उनकी ज़ीनत का मैं पहरा रहा हूँ। लोग बढ़ते रहे आगे मुझसे, मैं वही का वहीं ठहरा रहा हूँ। खायीं हैं ठोकरें हज़ारों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 2 678 Share बदनाम बनारसी 17 Jan 2019 · 1 min read इस शहर में सब हमें बदनाम कहते हैं कभी डाकू, कभी लुटेरा, कभी बेईमान कहते हैं, इस शहर में इज़्ज़तदारों को बदनाम कहते हैं। मारे कई हिरन जिसने शौक शौक में, वो भी आजकल मुझे सलमान कहते हैं।... Hindi · मुक्तक 6 6 563 Share बदनाम बनारसी 26 Dec 2018 · 1 min read कभी प्यार जताओ तो सही क्या तकलीफ है तुम्हें, बताओ तो सही, कभी फुर्सत मिले तो मेरे पास आओ तो सही, मैं तुम्हारे हर मर्ज़ की दवा रखता हूँ, एक बार अपनी नब्ज़ मुझे दिखाओ... Hindi · कविता 7 467 Share बदनाम बनारसी 23 Nov 2018 · 1 min read प्यार बनारस मैं बनूँ शिवाला काशी का, तुम गंगा की हो धार प्रिये। मैं चेतगंज का मेला हूँ, तुम कजरी का त्योहार प्रिये। मैं मालवीय की कर्मभूमि, तुम शास्त्री का संसार प्रिये।... Hindi · गीत 6 965 Share बदनाम बनारसी 8 Nov 2018 · 1 min read दिल के अरमाँ यूँ दिल के अरमाँ ना दिल में छुपाया करो, गर प्यार करती हो तो जताया करो, ये इंसानों की दुनिया है ज़नाब, लोग गलतफहमियां पाल लेते हैं, यूँ हर किसी... Hindi · मुक्तक 7 4 342 Share बदनाम बनारसी 1 Nov 2018 · 1 min read ऐ माँ वो गुज़रा जमाना याद आता है ऐ माँ वो गुज़रा जमाना याद आता है, तेरी गोद में बैठकर आँसू बहाना याद आता है।। वो बचपन के दिन, वो शरारतें, वो शैतानियां मेरी, वो पड़ोसी के घर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 58 817 Share बदनाम बनारसी 15 Oct 2018 · 1 min read एक नया गीत लिखता हूँ प्रेम दो आत्माओं का मिलन है और संगीत आत्मा का परमात्मा से मिलन। इन दोनों को मिला कर प्रेम रस से परिपूर्ण ये गीत। आज मैं एक नया गीत लिखता... Hindi · गीत 4 538 Share बदनाम बनारसी 3 Oct 2018 · 1 min read इस दिल की दुआ ऐ वक़्त न उज़ाड़ो उसे, वो बुनियाद है मेरी, छोड़ दो मुझे मेरे इस हाल पर, ये फ़रियाद है मेरी। करता हूँ मैं दुआ उनकी सलामती का हर पल, वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 614 Share बदनाम बनारसी 20 Aug 2018 · 1 min read माँ तेरा आँचल ऐ माँ तेरा आँचल, याद नहीं बचपन में कितनी बार पकड़ा है, रोते हुये खिंचा है, हर बार ही तुमने मुझे प्यार से जकड़ा है, अपनी ममता से सींचा है।... Hindi · गीत 7 2 734 Share बदनाम बनारसी 17 Aug 2018 · 1 min read अटल जी को श्रद्धांजलि वह महाशूर, वह शांतिदूत, वह महापुरुष, वह जननायक, वह राजनेता, वह तीर धनुष, वह पत्रकार, वह महाकवि, वह धीर पुरुष, जिसकी एक पुकार पर कारगिल में पूरा भारत मिटने को... Hindi · कविता 4 275 Share बदनाम बनारसी 3 Aug 2018 · 1 min read इस दिल में इक सैलाब छुपा रखा है मैंने आँखों में इक अंदाज़ छुपा रखा है, अपने होठों पर इक राज़ छुपा रखा है। ऐ दोस्त यूँ न कुरेदो मुझे, मैंने इस दिल में इक सैलाब छुपा रखा... Hindi · कविता 5 2 516 Share बदनाम बनारसी 26 Jul 2018 · 1 min read प्यार क्या है ? - एक अनोखा प्रश्न प्यार, क्या है ये प्यार ? किसी की याद में खो जाना या किसी के लिए आँखें नम हो जाना, किसी के लिए सारी रात जागना या किसी के लिए... Hindi · कविता 5 2 496 Share बदनाम बनारसी 20 Jun 2018 · 1 min read समय - समय की बात है समय - समय की बात है। कभी मैं उनसे कभी वो मुझसे रूठ जाते हैं, वर्षों तक चलने वाले नाते यूँ एक पल में टूट जाते हैं, कभी उनसे मिलने... Hindi · मुक्तक 5 1 485 Share बदनाम बनारसी 3 Mar 2018 · 1 min read ये जीवन है, उलझ जाने का नई ये जीवन है 'बनारसी', हारने का नई, कोई तुम्हें मारे तो क्या, कभी किसी को मारने का नई। जीवन में प्यार करने का, निभाने का और प्यार बाँटने का, कभी... Hindi · कविता 4 393 Share बदनाम बनारसी 27 Feb 2018 · 1 min read इक प्यार भरी नज़र वो मेरे अन्तर्मन को कुछ इस कदर झकझोर देती है, होठों से तो कुछ कहती नहीं, नज़रों से इस दिल को हिलोर देती है। Hindi · शेर 4 397 Share बदनाम बनारसी 30 Jan 2018 · 1 min read ना जाने कब वो तूफान आयेगा जो हर घर को करे रोशन, ना जाने कब वो बिहान आयेगा। हर शख्स पास करे जिसको, ना जाने कब वो इम्तिहान आयेगा। यहाँ अपनों को भी लूटनें में लगें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 338 Share बदनाम बनारसी 4 Jan 2018 · 1 min read कुछ इस कदर से दिल में समाने लगे वो कुछ इस कदर से इस दिल में समाने लगे, दूर होकर भी हौले - हौले से पास आने लगे। ना जाने कहाँ खो गईँ वो तन्हाईयाँ, वो उदासी मेरी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 736 Share बदनाम बनारसी 29 Oct 2017 · 1 min read तेरे प्यार में डूब जाने को जी करता है आज फिर तेरे प्यार में डूब जाने को जी करता है, तुझसे मिल कर बिछड़ जाने को जी करता है। यूंँ तो तेरी खुशियों पर निसार है जीवन मेरा, पर... Hindi · शेर 4 653 Share बदनाम बनारसी 22 Oct 2017 · 1 min read ऐ सनम तेरी नज़रें ऐ सनम ये तेरी नज़रें हैं या काँटा कोई, तू जो देखती है तो इक चुभन सी होती है। जो गुजरतीं हैं हवायें तेरे जिस्म को छूकर, तो मेरे रूह... Hindi · शेर 4 552 Share बदनाम बनारसी 10 Sep 2017 · 1 min read तेरी यादें तेरी याद में कुछ इस कदर मैं खो जाता हूँ, कभी कभी तो मैं रोते रोते सो जाता हूँ। तू मिले ना मिले नहीं परवाह मुझे, तेरे दिल में मैं,... Hindi · शेर 5 413 Share बदनाम बनारसी 23 Aug 2017 · 1 min read आज फिर एक उमंग सी जगी है Disclaimer : इस कविता के सभी पात्र एवं घटनाएँ काल्पनिक हैं। इनका किसी भी व्यक्ति, वस्तु अथवा स्थान से कोई संबंध नहीं है। अगर कोई समानता पाई जाती है तो... Hindi · कविता 4 355 Share बदनाम बनारसी 21 Aug 2017 · 1 min read कुछ तो बात है उसमें कुछ तो बात है उसमें, वो जाने क्या कर गयी। था भरी महफिल में मैं अब तक वो इक पल में तन्हा कर गयी।। कौन है वो जो इस दिल... Hindi · कविता 4 371 Share बदनाम बनारसी 21 Aug 2017 · 1 min read इस दिल में एक दर्द है तन्हाई है इस दिल में एक दर्द है तन्हाई है, वो मेरे घर कई रोज से नहीं आई है। मेरा दिल जिसे अपना मान कर बैठा है, ये जहां कहता है कि... Hindi · शेर 4 477 Share बदनाम बनारसी 20 Aug 2017 · 1 min read ऐ माँ वो गुज़रा जमाना याद आता है ऐ माँ वो गुज़रा जमाना याद आता है, तेरी गोद में बैठकर आँसू बहाना याद आता है।। वो बचपन के दिन, वो शरारतें, वो शैतानियां मेरी, वो पड़ोसी के घर... Hindi · कविता 7 2 668 Share Previous Page 2