Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 1 Jul 2021 · 1 min read चीरहरण हरियाली का ?चीरहरण हरियाली का ? हम अपने भौतिक विकास हित, वध करते वनमाली का। हर पराग मधुवन का, करते चीरहरण हरियाली का।।१।। नदियाँ दूषित हुईं, छिन गई मोहक हंसी किनारों की,... Hindi · गीत 1 2 478 Share Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 20 Jan 2020 · 1 min read मन की कौन थकान हरे? मन की कौन थकान हरे? मन की कौन थकान हरे? अपनी ही सुधि नहीं किसी को, नभ में कहाँ उड़ान भरे? मन की कौन थकान हरे?।।१।। नित-प्रति की आपाधापी में,... Hindi · कविता 2 1 564 Share Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 11 May 2018 · 1 min read "नशा" आकुल होकर कलम ने मेरे सब छंद विच्छिन्न कर दिए, और उद्गार निकले इस तरह, ""नशा"" नशे पर क्या कहें, है नाश का यह द्वार कहलाता, मगर देख़ो, बड़ा सच... Hindi · कविता 1 552 Share Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 9 May 2018 · 1 min read "कुछ काव्याभिव्यक्ति पर" काव्य स्वाभाविक लयात्मक अभिव्यक्ति है, इसलिए उसकी स्वयं की अपनी मर्यादा होती है। स्वाभाविक लयात्मक और खुद-बखुद छन्दबद्ध कविताओं में एक दर्शन होता है। इन्हें पढ़कर पाठक और सुनकर श्रोता... Hindi · लेख 1 477 Share Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 9 May 2018 · 1 min read नशे की लत उसकी इक प्रसन्न दुनिया थी; मुस्काता था बाप, और, मुस्काती थी माँ; पत्नी थी संतुष्ट, प्रेम से; बच्चे भी आह्लादित रहते। नज़र लग गयी किंतु एक दिन, इस कुनबे को।... Hindi · कविता 1 277 Share Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 9 May 2018 · 1 min read नयी सुबह में साहस पायें पावन तृषा उठी जब मन में, शुभाशीष की ध्वनियाँ आयें। मनोदोष की होम-प्रविधि का, वर्णन करतीं दिव्य ऋचाऐं॥1॥ वीरप्रसू है यह वसुंधरा, रुधिर गर्व से भरा हुआ। गरिमा के शुभ... Hindi · कविता 1 231 Share Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 9 May 2018 · 1 min read "शक्ति और सत्ता की बात" "शक्ति और सत्ता की बात" बंधु! लीक सेवाभावी की बिचलित हो करती जो घात। आज सुनो उस छली वृत्ति की शक्ति और सत्ता की बात।।१।। किस अवसान बिंदु पर पिघली,... Hindi · गीत 1 1 261 Share Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 9 May 2018 · 1 min read सत्यवीर का प्रेमिल सत्यापन "सत्यवीर का प्रेमिल सत्यापन" 'इक पावस ऋतुओं पर भारी' काव्यकृति युवाकवि श्री अशोक सिंह 'सत्यवीर' के भावोद्गार की अनुपम भेंट है । इसमें प्रसाद, बच्चन और नरेंद्र शर्मा की भावभूमि... Hindi · लेख 1 316 Share