अरविन्द राजपूत 'कल्प' 257 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Jul 2020 · 1 min read अष्टांग-दोहे ?⚪️अष्टांग दोहे ?⚪️ तन मन प्राणन शुद्धता, परम् योग अष्टांग। जीवन सफल बनाइये, कर गुरु को शाष्टांग।। यम नियम अरु वासना, प्राणा प्रत्याहार। धारणा, ध्यान, समाधि से, हो जाये भव... Hindi · दोहा 1 5 773 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jun 2020 · 1 min read ग़ज़ल :- गुलबदन कर दिया खुशबुओं ने मुझे... आसरा जब दिया बाजुओं ने मुझे। गुलबदन कर दिया खुशबुओं ने मुझे।। इक़ बहम था कि मैं टूट सकता नहीं। रात पिघला दिया आँसुओं ने मुझे।। था अँधेरा समेटे जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 345 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल :-दर्द-ए-दिल आपका समझता हूँ... दर्द-ए-दिल आपका समझता हूँ। हाल संताप का समझता हूँ।। जल रहा जिस विरह की वेदी पर। फल तेरे श्राप का समझता हूँ।। ज़िंदगी हो गई जहन्नुम सी। कर्ज उस पाप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 322 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल :- क़द में तू बड़ा पर तेरा किरदार नही है... क़द में तू बड़ा पर तेरा किरदार नही है। ये आसमाँ तेरा कोई आधार नही है।। इक शम्स चमकता है अकेला ही फ़लक में। मत भूल उसी शम्स का इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 374 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल- आसमाँ को जमीं पे लायेंगे... आसमाँ को जमीं पे लायेंगे। एक दिन हम ये कर दिखायेंगे।। रस्म-ए-उल्फ़त सदा निभायेंगे। बीज नफ़रत का हम मिटायेंगे।। जल रहे लोग जो भी नफरत से। प्रेम का हम सबक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 270 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मेरा हो कर भी वो पराया है... मेरा हो कर भी वो पराया है। बाहों में गैर की समाया है।। दिल मे रहता जगह नही घर में। हमने कैसा नसीब पाया है।। ज़ख्म हमने छुपा लिए अक्सर।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 304 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- जिंदगी का निशान बाक़ी हैं.... जिंदगी का निशान बाकी हैं। मुझ में अब भी तो जान बाकी है।। हौसलों की उड़ान बाकी है। नापने आसमान बाकी है।। हार तो हम गये बहुत पहले। झूठ तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 440 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Apr 2020 · 1 min read कविता:- कोरोना महामारी है.... कविता:- “कोरोना महामारी है” ✍ अरविंद राजपूत ‘कल्प’ सारे जग में फैल चुकी ये, कोरोना महामारी है। फैल रही जो छुआछूत से, ऐ संक्रामक भारी है।। दहलीज न पार करो... Hindi · कविता 353 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read @ग़ज़ल- वो शक़्ल मेरी देख बदहवास हो गयी... वो शक़्ल मेरी देख बदहवास हो गयी। जो पास देखा मुझको तो उदास हो गई।। लो घर की मुर्गी घर में आज ख़ास हो गयी।। थी कड़वी नीम जैसी वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 268 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read @ग़ज़ल:- आप इल्ज़ाम ही लगाते हो... ग़ज़ल- आप इल्ज़ाम ही लगाते हो। प्यार हम पर ही क्यों लुटाते हो।। कह न पाओ जुबां से दिल की लगी। खीज़ हम पर निकाले जाते हैं।। जानी दुश्मन समझ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- कलकल छलछल अविचल सरिता बहती है... मुसलसल ग़ज़ल:- सरिता-साहिल और सागर कलकल छलछल अविचल सरिता बहती है। साहिल की रुकना मजबूरी रहती है।। एक कदम ना साथ चले साहिल उसके। दर्द जुदाई सरिता घटघट सहती है।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 530 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- जब धरा को बादलों से, आस बन गई होगी... जब धरा को बादलों से, आस बन गई होगी। इश्क़ की लबों पे इक़, प्यास बन गई होगी।। सर्दी धूप बारिश की, मौसमी बहारों में। आशिक़ी ही क़ुदरत का, रास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल;- क्या अँधेरों में हमें ऐब छुपाने होंगे... क्या अँधेरों में हमें ऐब छुपाने होंगे। घर की बिजली को बुझा दीप जलाने होंगे।। ताली थाली को बजा ध्यान जगत का भटके। अपनी नाकामी छुपाने के बहाने होंगे।। सारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 5 282 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मिलने की ललक दिल मे, कसक बनके रहेगी... मिलने की ललक दिल मे, कसक बनके रहेगी। दिलवर की कही बात, सबक बनके रहेगी।। हाँथो की लकीरों में, नहीं नाम तुम्हारा। तेरी कमी तो दिल मे कसक बनके रहेगी।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 388 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- वो एक झलक दिल मे, कसक बनके रहेगी... वो एक झलक दिल मे, कसक बनके रहेगी। यादों में तो हर बात, सबक बनके रहेगी।। गिनती में भले चार, मग़र स्वाद हमीं से। आंटे में नमक की ही, चमक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- नग़मे वफ़ा के गाएंगे... नग़मे वफ़ा के गाएंगे। हम तुम जब मिल जाएंगे।। मुश्किल है जिंदा रहना। बिन तेरे हम मर जायेंगे।। मिलना जुलना बंद हुआ। हम कैसे रह पायेंगे।। रहे सलामत घर तेरा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 247 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- पेड़ बड़ा हो इतराये... पेड़ बड़ा हो इतराये। देख जड़ों को शरमाये।। अपनों से डर लगता है। गैरों से कब घबराये।। अक़्सर झुक कर चलते हम। सर न फ़लक से टकराये।। सागर सहम गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 448 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read कोरोना गीत:- दुनिया भर में है रोना... दुनिया भर में है रोना। कोरोना बस कोरोना।। लाइलाज है बीमारी। दुनिया की ये लाचारी।। बचने की रख तैयारी। धीरज मत अपना खोना।। कोरोना... सर्दी खाँसी हो जाये। फीवर भी... Hindi · गीत 285 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- वो बेहद हठधर्मी थी... वो बेहद हठधर्मी थी। या उसकी बेशर्मी थी।। हमबिस्तर थी वो मेरे। तो सर्दी में गर्मी थी।। बहशीपन था आँखों में। पर साँसों में नरमी थी।। अकड़ मकड़ सब टूट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 327 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- राख को बारूद कर आतिश न कर... राख को बारूद कर आतिश न कर। यूँ ज़रा सी बात पर नाज़िश न कर।। हूॅं अभी मैं पारदर्शक काँच ही। बन न जाऊॅं आइना पॉलिश न कर।। अक़्ल का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 518 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नई ग़ज़लों में ख़याल अब भी पुराने होंगें... नई ग़ज़लों में ख़याल अब भी पुराने होंगें। रोज महफ़िल में नये शे’र सुनाने होंगे।। कुछ रदीफों से नहीं काम चलेगा अपना। जाब़िया नेक नये क़ाफिये लाने होंगे।। रखे दुनिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 270 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Mar 2020 · 1 min read विवाह गीत- धरती अम्बर का, आज हुआ संगम... धरती अम्बर का, आज हुआ संगम। खुशियाँ ही खुशियाँ, ख़ुशियों का आलम।। =◆=●=◆=●=◆=●=◆=●=◆=●=◆= घोड़े पर है दूल्हा, बाराती मस्तमगन। समधी के स्वागत में, बारा है तनमन धन।। बारात पधारी है,... Hindi · गीत 220 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नज़र जहाँ भी दौड़ाई नज़र जहाँ भी दौड़ाई। इक तस्वीर उभर आई।। घर भी तो वीरान हुआ। खो गई घर की रानाई।। मातम पसरा है घर में वापिस आजा सौदाई।। आस पिता की अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 238 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- गुलशन में कंगाली है... गुलशन में कंगाली है। माली ही तो जाली है।। अच्छे दिन कब आयेंगे। हर घर में बदहाली है।। भूख मिटेगी कैसे अब। थाली ही तो खाली है।। तांडव हाकिम मचा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 566 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- समझो हमको शूल हैं हम... समझो हमको शूल हैं हम। इस गुलशन के फूल हैं हम।। मज़हब जाति में मत बांटो। भारत के अनुकूल हैं हम।। प्यार मोहब्बत भूल गये। लड़ने में मशगूल हैं हम।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 290 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- बात जुबा से रहने दो... बात जुबा से रहने दो। आँखों को ही कहने दो।। मैल अगर मन का जाये। आँसू झर-झर बहने दो।। मिलने का सुख मिला नही। दर्द-ए-जुदाई सहने दो।। ठौर-ठिकाना पता नही।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 288 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 25 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- सूरज के डूबते ही ये तारे निकल पड़े... सूरज के डूबते ही ये तारे निकल पड़े। जो छुप गये थे माद में सारे निकल पड़े।। दम भूख से निकल गया इक़ बदनसीब का। उसकी रसोई करने को सारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 298 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- शादमानी के लिए अब इक़ दीवानी चाहिए... जिसमें हो रूहानियत ऐसी कहानी चाहिए। शादमानी के लिए अब इक़ दीवानी चाहिए।। प्यार करने, के लिये फिर से ज़वानी चाहिए। रात हो गुलज़ार ख़ुशबू रात-रानी चाहिए। मौज़-ए-रानाई फरिश़्ता ख़ूबसूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 724 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- पिया मिलन की घड़ी है विदाई का आलम... पिया मिलन की घड़ी है विदाई का आलम। ज़रा ज़रा सी ख़ुशी है ज़रा ज़रा सा ग़म।। मिली ख़ुशी या मिला ग़म, अज़ीब है दरहम। विदा का ज़ख्म तो साजन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 514 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 17 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नित नये आयाम की तैयारी रख... नित नये आयाम की तैयारी रख। जीत लेगा जंग अपनी जारी रख। पक गये हैं बाल तो पक जाने दे। दाड़ी छुलवा मूछ अपनी कारी रख।। पैर काँपे सर हिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 320 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 15 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- युग युगों तक जो सुनें जग वो कहानी चाहिए। युग युगों तक जग सुनें ऐसी कहानी चाहिए। जो रहे अक्षुण हमेशा वो जवानी चाहिए।। दोस्त हमको कर्ण जैसा देहदानी चाहिए। दुश्मनी भी राम-रावण सी निभानी चाहिए।। मत चखो अमरित... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 333 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 14 Feb 2020 · 1 min read अभिनन्दन *अभिनन्दन* बनी दुल्हन मेरी बेटी, प्रभु की मेहरबानी है। किशन राधा सी ये जोड़ी, ये पावन है सुहानी है।। मिलन अम्बर धरा का है, ख़ुशी से झूमती दुनिया। सुलक्षण है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 375 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- भारत के नक्शे में ये, जापान ढूँढते हैं... भारत के नक्शे में ये, जापान ढूँढते हैं। विज्ञानी आज वेदों, में ज्ञान ढूँढते हैं।। माँ-बाप मत विसारो, भगवान हैं धरा पर। क्यों लोग पत्थरों में, भगवान ढूँढते हैं। जिनको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 291 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- क़द नापिये न आप मेरा आसमान हूँ... क़द नापिये न आप मेरा आसमान हूँ। दुनिया की हर बला का मैं ही इक़ निदान हूँ।। अस्तित्व में सिफ़र हूँ, ज़माना ये मानता। मत शून्य मुझको समझो , मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 581 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- वो साथ छोड़कर मेरा शायद भटक गये... वो साथ छोड़कर मेरा शायद भटक गये। मंज़िल थी आसमां पे ज़मीं पर अटक गये।। ऐ सोच कर बुज़ुर्ग है करते रहे अदब़। बच्चों सी करते हरक़तें वो क्या सटक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- दिल में मिलन की आस रहने दो... दिल में मिलन की आस रहने दो। सूखे लबों पे प्यास रहने दो।। वो तेरा है तू उसका है सच है। छोड़ो उसी को खास रहने दो।। जब भूख से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 556 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- रहे जो दिल में वही हमको भूलते अक़्सर... रहे जो दिल में वही हमको भूलते अक़्सर। बसा के दिल मे किराया बसूलते अक़्सर। क़दम-क़दम पे जिसे खुशियां मिली जन्नत सी। ज़रा ज़रा से ग़मों में वो कूल्हते अक़्सर।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 298 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नही सुगंध मिलेगी तुझे ज़माने में नही सुगंध मिलेगी तुझे ज़माने में। बदन महकता पसीने से ही नहाने में।। बहाते खून पसीना महल बनाने में। लगे हैं लोग वहीं झुग्गियां जलाने में।। ज़मने भर की ख़ुशी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 389 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- तड़पता छोड़ के अक़्सर वही तो जाते हैं... तड़पता छोड़ के अक़्सर वही तो जाते हैं। कि जिनको प्यार का हम आसरा बनाते हैं।। बुला के पास हमें ख़ुद ही दूर जाते हैं। ख़ुदा के वास्ते इल्जाम ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 207 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मेरे अज़ीज मेरा चीर खींच लेते हैं... मेरे अज़ीज मेरा चीर खींच लेते हैं। ज़रा सी बात पे शमशीर खींच लेते हैं।। दिखावा करते रहे रात भर अकेले में। भरी सभा में ही तौक़ीर खींच लेते हैं।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 251 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- खुद पर ही शर्मिंदा हैं.. ख़ुद पर ही शर्मिंदा हैं। आज तलक क्यों जिंदा हैं।। कालख मुहँ पर पोत रखी। फ़िर भी हम ताबिंदा हैं।। ठौर-ठिकाना पता नहीं। हम दिल के वाशिंदा हैं।। भूल न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 259 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- लगा के दाग़ मुझे माहताब कर डाला... लगा के दाग़ मुझे माहताब कर डाला। कि दाग़ों ने ही मुझे लाज़वाब कर डाला।। जलो न मुझसे मेरे यार मैं तो छोटा हूँ। तेरी जलन ने ही तो आफ़ताब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 218 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल - जिसे हक़ीम समझ नब्ज़ हम दिखाते हैं.... जिसे हक़ीम समझ नब्ज़ हम दिखाते हैं। वही दवा के बहाने ज़हर पिलाते हैं।। दिखा के ख़्वाब-ए-ख़ुशी ग़म परोस जाते हैं। शिकारी ज़ाल मे अपने हमें फँसाते हैं।। पहाड़ लोग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 275 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- गमों की रात है काली घना अंधेरा है.. ग़मों की रात है काली घना अंधेरा है। इसी के बाद ख़ुशी का नया सबेरा है।। ये तेरी भूल है नादा कि चाँँद तेरा है। हरेक बाम़ पे अब चाँद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 272 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- तेरे हर इक ख्वाब को ताबीर कर दूँ.. तेरे हर इक ख्वाब को ताबीर कर दूँ। नाम तेरे दिल की ये जागीर कर दूं।। गर मुहब्बत तू करे मुमताज़ बनकर। आशिक़ी में ताज़ भी तामीर कर दूँ।। इश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 326 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- हो रहा बदनाम तो अब होने दो... हो रहा बदनाम तो अब होने दो। होगी चर्चा आम तो अब होने दो।। हार कर घर बैठने से तो अच्छा है हो रहा जो काम तो अब होने दो।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 355 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Jan 2020 · 2 min read कविता- नेता जी की बंडी हो गये... नेता जी की, बंडी हो गये झण्डे वाली, डंडी हो गये खरपतवार हुए सरकारी तुम सारे, पाखंडी हो गये। नेता जी की... नाम बदल लो, जात बदल लो वक्त पड़े... Hindi · कविता 4 476 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल- इस क़दर नैना कटीले हो गये... इस क़दर नैना कटीले हो गये। अधपके से फ़ल रसीले हो गये।। आपसे तो कुछ कहा हमने नही। आप क्यों गुस्से में पीले हो गये।। बेअसर काँटे हुये अब शर्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 335 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 Dec 2019 · 1 min read हर सीजन के फल लगते हो हर सीजन के फल लगते हो निर्मल गंगा जल लगते हो तुम्हें समझते लोग बुढापा तुम आने वाले कल लगते हो। पार कर गये उमर बाप की टपक रही क्यों... Hindi · कविता 332 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 29 Dec 2019 · 1 min read ? *कुछ पहेलियां कुछ अठखेलियां*? ? *कुछ पहेलियां कुछ अठखेलियां*? *1* झूठ को सच बनाने की मशीन आ गई है। जनता में भ्रम फैलाने की मशीन छा गई है।। हर कोई इसका दीवाना है हर... Hindi · कविता 298 Share Previous Page 2 Next