अल्पना नागर 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अल्पना नागर 27 Feb 2017 · 1 min read प्रेम चेतना, निर्णय, अधिकार, एक एक कर सब समर्पित कर चली हो, स्त्री तुम प्रेम कर बैठी हो! सहगामिनी बनने चली थी, अनुगामिनी रह गई हो, स्त्री! तुम प्रेम कर बैठी... Hindi · कविता 4 3 675 Share अल्पना नागर 14 Feb 2017 · 1 min read अस्तित्त्व अस्तित्व तुम्हें हक़ है कि चुनो तुम रिश्तों की भीड़ से स्वयं के अस्तित्व को, समेटो रसोई के मसाला डिब्बों में बंद पड़े अरमानों या बिस्तर की सिलवटों तक सीमित... Hindi · कविता 2 1 371 Share अल्पना नागर 15 Feb 2017 · 1 min read अहसास अहसास तुम होते हो तो सुहानी लगती हैं फरवरी की बेफ़िक्र हवाएं मेरा रोम रोम वाकिफ़ है तुम्हारे गुनगुने अहसास से.. अच्छा लगता है हथेली पर आड़ी टेढ़ी रेखाओं में... Hindi · कविता 2 1 542 Share अल्पना नागर 17 Feb 2017 · 1 min read चिड़िया चिड़िया रानी चिड़िया रानी कहे कहानी आँखों में सपने पानी पानी आँगन की है शोभा ये तो घर की चहल पहल उड़ जाना है उसे एक दिन पिय के शीश... Hindi · गीत 2 1 275 Share अल्पना नागर 18 Feb 2017 · 1 min read हायकू हायकू (1) कभी रुके न समय मुसाफ़िर चलते जाना (2) सूखे गुलाब जीवन की साँझ में हरा बसंत (3) सम्बन्ध घास अहंकार की आग अंततः खाक (4) रूठना तेरा वसंत... Hindi · हाइकु 2 3 642 Share अल्पना नागर 6 Jul 2021 · 36 min read पाँच कहानियां (1) कहानी अलगाव पत्र विधा प्रिय, ये कहानी शुरू हुई थी तुमसे पर हर एक आम कहानी की तरह मैं इसे यूँ ही खत्म नहीं होने दूँगी।आख़िर पत्नी हूँ तुम्हारी,अभी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 3 631 Share अल्पना नागर 21 Feb 2017 · 2 min read बात समझ मे आई लघु कहानी बात समझ में आयी आज रजिया बहुत खुश नज़र आ रही थी।कक्षा 12 में उसने गणित विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त किये।सभी शिक्षकों व मित्रों नें उसे बधाई... Hindi · लघु कथा 1 2 691 Share