Akib Javed Tag: कविता 67 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Akib Javed 18 Nov 2017 · 1 min read क्यू नही! रो कर मुश्कुराते क्यू नही रूठ कर मनाते क्यू नही अपनों को रिझाते क्यू नही प्यार से सँवरते क्यू नही देख कर शर्माते क्यू नही अहम से निकलते क्यू नही... Hindi · कविता 401 Share Akib Javed 18 Nov 2017 · 1 min read आस! चाँद को चांदनी की आस धरा को नभ की आस दिन को रात की आस अंधेरे को उजाले की आस पंछी को चलने की आस इंसा को उड़ने की आस... Hindi · कविता 632 Share Akib Javed 15 Nov 2017 · 1 min read मयखाना अपने मय में खोया हुआ चला जा रहा वो मयखाना मयखाना में मय ना मिला मदिरा पिया हुई बड़ी शाना लेकिन जब मय ने देखा महबूब के प्यार का पैमाना... Hindi · कविता 752 Share Akib Javed 14 Nov 2017 · 1 min read रफ्ता रफ्ता गुजर रही जिंदगी रफ्ता रफ्ता गुज़र रही जिंदगी ये जिंदगी हैं,गुज़रती ही नही हैं! ख्वाइशें हैं थोड़ा उम्मीद भी लेकिन हासिल कुछ भी नही हैं! बहुत कुछ छुपाए,कुछ ना कहा बाते तुम्हारी,बातो में... Hindi · कविता 359 Share Akib Javed 14 Nov 2017 · 1 min read नियति का खेल नदी की बहती धारा नही उसका किनारा।1। चाँद से रोशन चाँदनी पूनम रात का सहारा।2। फूल में बैठे हुए भँवरे रस ले फूल का सारा।3। गर करुणामयी हो जीवन ना... Hindi · कविता 1k Share Akib Javed 14 Nov 2017 · 1 min read बचपन मासूम सा चाँद था,तप गया वो समय से पहले परेशानियों ने बचपन छीन लिया समय से पहले देख कर दुनिया वालो को घबरा गया वो बचपन ही अब ठीक हैं... Hindi · कविता 520 Share Akib Javed 13 Nov 2017 · 1 min read जीवन हैं कुछ इस तरह जीवन नही कोई ख़ुशी ना कोई गम एक सफर हैं एक रास्ता गिरते है संभलते हैं फिर भी निराश नही हैं हम हँसते हैं रोते है... Hindi · कविता 243 Share Akib Javed 13 Nov 2017 · 1 min read हमारे मात पिता ईश्वर का अवतार हैं जो वही हमारे मात पिता हमको जिसने जन्म दिया वही हमारे मात पिता हमको जिसने पाला पोसा वही हमारे मात पिता अच्छे बुरे का ज्ञान कराया... Hindi · कविता 500 Share Akib Javed 13 Nov 2017 · 1 min read हम तो नादान ही सही कुछ कमी तो नही बातो में फिर कंयू याद नही करते हो, रह गयी है क्या कुछ कमी जो बात नही करते हो, हम तो नादान ही सही तुम तो... Hindi · कविता 438 Share Akib Javed 12 Nov 2017 · 1 min read बर्फ बर्फ! फ्रिज में रहे तो कड़क, बाहर रख दो सिर्फ पानी, हाँ बर्फ! नही उसका कोई आकार, नही रखे कभी कोई प्रकार, जैसा चाहो ढल जायेगा, वैसा ही बन जायेगा,हां... Hindi · कविता 923 Share Akib Javed 12 Nov 2017 · 1 min read पढ़ने की ललक हम भी लियें हुये! राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर एक कविता बाल मन को प्रदर्शित करती हुई। मन भोला भाला लिये हाथ में झोला लिये हुये मुट्ठी में अपने जँहा लिये आँखों में सपने सजाये हुये ख्वाबो को सच करने की चाहत में पढ़ाई में दिन-रात एक... Hindi · कविता 769 Share Akib Javed 10 Nov 2017 · 1 min read ईमारत है ये...सदियों से ऐसी ही रहे!! जूठ,फरेब,मक्कारी से दूर स्वार्थ,अज्ञानता,तिरस्कार को भूल सबकी सुने,किसी से कुछ ना कहे ईमारत हैं ये, सदियों से ऐसी ही रहे! कई राज़ों को खुद में समेटे पीढ़ियों को सामने से... Hindi · कविता 645 Share Akib Javed 10 Nov 2017 · 1 min read वो गरीब थे! वो रात भर ठण्ड से ठिठुरते रहे छोटे बच्चे थे गरीब थे नही थे पैसे कुछ गर्म कपड़े ले ले किसी ने उनकी सुध ना ली नही किसी का उनके... Hindi · कविता 324 Share Akib Javed 10 Nov 2017 · 1 min read जलवायु परिवर्तन में कविता : अंदाज़े बंया क्या हैं! ये धुँआ धुँआ सा अब क्या हैं देखो जँहा को क्या हो गया हैं! नही किसी को फ़िक्र कल की ये जीने का अन्दाज़े बंया क्या हैं! होते थे जो... Hindi · कविता 2k Share Akib Javed 9 Nov 2017 · 1 min read कोई मरता हो मरे अब यँहा सोचता कौन हैं अपने अपने किरदारों को ढूंढता कौन हैं कोई मरता हो मरे अब यँहा सोचता कौन हैं हमे क्या मतलब किसी को क्या होगी परेशानी कोर्ट के आदेशों को कोई अब... Hindi · कविता 564 Share Akib Javed 9 Nov 2017 · 1 min read सुई हूँ! सुई! संयमित,समर्पित,लगनशील अपनी ही धुन में पक्की ना फ़िक्र किसी की,ना ही परवाह आड़ी,तिरछी,मिर्छी, सब तरह से कैसे भी हो वस्त्र सभी मैं सिलू सुई हूँ! कभी शिकायत ना की... Hindi · कविता 312 Share Akib Javed 9 Nov 2017 · 1 min read अक्सर दर्द देती हैं जुदाई प्यार होने के बाद जिंदगी में बस वक्त दो ही गुज़रे हैं कठिन एक तेरे आने से पहले,एक तेरे जाने के बाद ख्वाइश नही थी कुछ भी खो जाने के बाद क्यू फिर लौट... Hindi · कविता 435 Share Previous Page 2