ओम प्रकाश श्रीवास्तव Language: Hindi 43 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओम प्रकाश श्रीवास्तव 15 Apr 2024 · 1 min read माँ महागौरी है नमन मातु महागौरी नमन,दिवस अष्टमी आज। स्वीकारो मम भक्ति को,जैसा भी है साज।। भाव पुष्प स्वीकार कर, चखिए पावन भोग। दया दृष्टि ऐसी रखो,शुभता से हो योग।। धर्म कर्म में मन... Hindi · दोहा 1 42 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 15 Apr 2024 · 1 min read माता रानी दर्श का माता रानी दर्श का,बनता जब संयोग। दिक्कत सारी खुद मिटे,मिटते सारे रोग। मिटते सारे रोग,अर्थ भी समुचित आए। उमड़े उर अनुराग,भक्ति का पथ ही भाए। कहता कविवर ओम,मातु हैं सब... Hindi · कुण्डलिया 1 37 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 24 Mar 2024 · 1 min read आया होली पर्व आया प्यारा होली पर्व। प्रेम रंग से रँगना सर्व।। राग द्वेष से रहना दूर। हर्ष उठाना तुम भरपूर।। पापड़ गुझिया अरु नमकीन। होली व्यंजन पावन तीन।। अपने प्रियजन को ले... Hindi · बाल कविता 59 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 9 Mar 2024 · 1 min read उन्नति का जन्मदिन गणपति बाबा है नमन,करो विनय स्वीकार। निधि मनीष हर्षित रहें,बरसे कृपा अपार।। उन्नति का है जन्म दिन,नवल मार्च को आज। शिव जी की हो अति कृपा,शोभित हो सब साज।। ज्ञान... Hindi · दोहा 52 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 8 Mar 2024 · 1 min read महिला दिवस विशेष दोहे मिशन शक्ति की धूम है,सुंदर है परिवेश। चर्चा नारी की बढ़ी,अपने प्यारे देश।। पढ़े बालिका खूब अरु,पाए समुचित स्थान। तभी शक्ति उसकी बढ़े,समझो अगर विधान।। उच्च सोच अरु ज्ञान से,मिलता... Hindi · दोहा 1 46 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 7 Mar 2024 · 1 min read नारी है नारायणी नारी है नारायणी,दुर्गा काली रूप। मर्यादा इसकी रखें,जनता हो या भूप। जनता हो या भूप,ध्यान सबका हीं रखतीं। करके अतिशय त्याग,सर्वहित उर से लखतीं। कहता कविवर ओम,सृष्टि रचना यह प्यारी।... Hindi · कुण्डलिया · महिला दिवस 1 72 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 4 Mar 2024 · 1 min read आफत की बारिश असमय वर्षा जो गिरी,विस्मित है संसार। फसलें हैं बर्बाद अब,मुश्किल में परिवार। मुश्किल में परिवार, फसल गेहूँ मुरझाई। लेकर वर्षा रूप,जगत आफत सी आई। डरते सभी किसान,देख नभ फिर बदरामय।... Hindi · कुण्डलिया 1 68 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 4 Mar 2024 · 1 min read भारत को निपुण बनाओ प्रेम भाव से मिलकर सब जन, शिक्षा का नव दीप जलाओ। आंगनवाड़ी शिक्षक साथी, निज भारत को निपुण बनाओ।। माना मुश्किल पथ है अतिशय, नहीं कभी पर तुम घबराना। कंटक... Hindi · गीत 2 1 66 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 3 Mar 2024 · 1 min read शिव स्तुति महत्व शिव की स्तुति सबजन कीजिए। जीवन में खुशियाँ भर लीजिए।। Hindi · कोटेशन 1 57 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 3 Mar 2024 · 1 min read शिव स्तुति दोहा:- *भोले बाबा है नमन,करो विनय स्वीकार।* *बरसाकर प्रभु सत कृपा,करिए जग उद्धार।।* *भक्ति भाव उर में जगे,उमड़े उर में प्यार।* *सत्य कर्म करता रहूं,रख शीतल व्यवहार।।* चौपाई:- शिव महिमा... Hindi · दोहा 2 1 84 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 28 Feb 2024 · 1 min read मछली रानी मछली रानी मछली रानी। पीती रहती दिनभर पानी।। प्राण वायु भी जल से लेती। अति जल को बाहर कर देती।। नौका सम रखती अपना तन। बच्चों समझो मछली जीवन ।।... Hindi · बाल कविता 1 66 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 27 Feb 2024 · 1 min read नैतिक वचन काया या माया का जब हो अति दर्प। मानव विचरे बन जहरीला सर्प।। ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम Hindi · कोटेशन 64 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 27 Feb 2024 · 1 min read आवश्यक मतदान है आवश्यक मतदान है,रखो सभी यह ध्यान। मत की ताकत से सजे,सारा राज विधान।। समझो मत के मूल्य को, करो सभी मतदान। एक एक मत से बढ़े,लोक तंत्र की शान।। कैसा... Hindi · दोहा 57 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 25 Feb 2024 · 1 min read मां शारदे कृपा बरसाओ हे जग जननी मातु शारदे, कृपा दृष्टि जग पर बरसाओ। द्वेष दर्प का तम जग छाया, सत्य ज्ञान दे इसे मिटाओ। माया मोहित होकर मानव, सत पथ से है रखता... Hindi · गीत 1 50 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 24 Feb 2024 · 1 min read मानवता के पथ पर मानवता के पावन पथ पर, मदद भाव है उर में जगता। धर्म जाति का भेद भाव सब, दूर हृदय से है अति भगता। ईश्वर हर इक ही मानव को, ज्ञान... Hindi · गीत 65 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 23 Feb 2024 · 1 min read अन्नदाता किसान अतिशय करता नित्य श्रम,रख मौसम का ध्यान। पालक दूजा वह जगत, कहते जिसे किसान। कहते जिसे किसान,कर्म जग हित है करता। उपजा कर के अन्न ,पेट जग का है भरता।... Hindi · कुण्डलिया 2 74 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read सूप नखा का लंका पहुंचना रावण बहना भाग कर,पहुंची भ्राता पास। नाक हमारी कट गई,करो भ्रात विश्वास।। दशरथ नंदन राम से, माँगा था कुछ प्यार। गरिमा मेरी चीर कर,किया राम इनकार।। बोले मुझसे प्रेम से,जाओ... Poetry Writing Challenge-2 1 63 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read सीता की खोज सीता की सत खोज में,चले वीर हनुमान। शक्ति पुंज के साथ ही,अतिशय जो विद्वान।। राम नाम को ध्यान कर, पहुँचे सागर पार। विप्र रूप में वह गए, दैत्य विभीषण द्वार।।... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 63 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read कैसा कलियुग आ गया कैसा कलियुग आ गया, बदला आज समाज। रिश्ते बनते अर्थ लख, तजकर सारी लाज। तजकर सारी लाज,मनुज कारज कटु करता। उपजा उर में बैर,हृदय में कटुता भरता। कहता सबसे ओम,जगत... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 1 34 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 13 Feb 2024 · 1 min read मातु शारदे वंदना मातु शारदे वंदना,करता जग है आज। रहती माता की कृपा,रहता सुंदर साज। रहता सुंदर साज,सोच उत्तम बन जाती। हो विद्या शृंगार,बुद्धि नव ऊर्जा पाती। विनय करे नित ओम,मातु उत्तम विचार... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 2 98 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 13 Feb 2024 · 1 min read मातु शारदे वंदना मातु शारदे वंदना,करता जग है आज। रहती माता की कृपा,रहता सुंदर साज। रहता सुंदर साज,सोच उत्तम बन जाती। हो विद्या शृंगार,बुद्धि नव ऊर्जा पाती। विनय करे नित ओम,मातु उत्तम विचार... Hindi · कुण्डलिया 95 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 11 Feb 2024 · 1 min read आयी ऋतु बसंत की आयी ऋतु बसंत मधुर,करके अनुपम साज। विद्वत कहते हैं इसे,यही सृष्टि की ताज। यही सृष्टि की ताज,धरा लाए हरियाली। नव पत्तों के साथ,सजे वृक्षों की डाली। महक आम की बौर,लगे... Hindi · कुण्डलिया 1 82 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 24 Jul 2023 · 1 min read प्यारा भारत देश है प्यारा भारत देश है,उत्तम इसका ज्ञान। उर में बसी उदारता,कर्म क्षेत्र पर ध्यान कर्म क्षेत्र में ध्यान,रखे मम भारत वासी। मानवता का धर्म,बढ़े चाहत ये खासी। कहता कविवर ओम,श्रेष्ठतम देश... Hindi · कुण्डलिया 1 447 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 23 Jul 2023 · 1 min read सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती सत्य उस तीखी दवा के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती है परंतु परिणाम बहुत अच्छे देकर जीवन में सफलता प्रदान करती है। अतः सत्य को अपनाओ,... Hindi · Quote Writer 1 468 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Jul 2023 · 1 min read बच्चों सम पौधे पालो वृक्ष लगे हैं कितने सारे। छोटे-छोटे प्यारे- प्यारे।। फैली भू पर है हरियाली। नवल पौध की महिमा आली।। बच्चों सम पौधा हर पालो। उचित खाद अरु पानी डालो।। देख भाल... Hindi · कविता 1 120 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Jul 2023 · 1 min read जरा विचार कीजिए आत्म मंथन जरा विचार कीजिए वृक्ष लगाए,फोटो खींची,और चल दिए। भूले पानी देना,भूले रख रखाव सब, रुको,जरा सोचो, क्या जग हित काज किए? ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम Hindi · Quote Writer 1 273 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 21 Jul 2023 · 1 min read सावन में शिव गुणगान पावन सावन माह में,होता शिव गुणगान। भोले हर्षित हो सदा,देते मधु वरदान। देते मधु वरदान,कृपा जग पर बरसाते। श्वेत पुष्प अरु भांग,सदा शिव को अति भाते। अर्पण करते भक्त,वरद पाते... Hindi · कुण्डलिया 1 205 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 21 Jul 2023 · 1 min read प्यारा बंधन प्रेम का प्यारा बंधन प्रेम का,रखिए बहु संभाल। कच्चा धागा सम लगे,पल में बदले चाल। पल में बदले चाल,जरा झटके में टूटे। लगती दिल पे चोट, भाग्य जैसे हों फूटे। कहता कविवर... Hindi · कुण्डलिया 1 195 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 21 Jul 2023 · 1 min read पावन सावन मास में पावन सावन मास में,करिए शिव शृंगार। बरसे शिव की अति कृपा,लक्ष्मी आती द्वार। लक्ष्मी आती द्वार,मिलें जग खुशियाँ सारी। मिलती पावन जीत,कटे विपदा भी भारी। कहता कविवर ओम,लगे प्यारा अति... Hindi · कुण्डलिया 1 522 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 20 Jul 2023 · 1 min read कैसा आया है समय कैसा आया है समय, बाढ़ चढ़ी चहुँ ओर। त्राहि त्राहि करता जगत,मचा कष्ट का शोर। मचा कष्ट का शोर,प्राण संकट में सबके। कहते सारे लोग,हाथ अब तो सब रब के।... Hindi · कुण्डलिया 77 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 20 Jul 2023 · 1 min read राज बढ़ते रोगों का सारी दुनिया में बढ़ी,जनसंख्या है आज। बीमारी इससे बढ़ीं,समझो सारा राज। समझो सारा राज,अधिक जनसंख्या भारी। उजड़े उपवन रोज,धरा रोती है सारी। बढ़ा प्रदूषण घोर,रोग की ले तैयारी। बाँटे छिप... Hindi · कुण्डलिया · चिंतन 148 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 15 Jul 2023 · 1 min read क्यों मानव मानव को डसता कैसा कलियुग जग में छाया,सत्य प्रेम नहि उर में बसता। माया के चक्कर में देखो,मानव मानव को ही डसता। चंचल माया ने है देखो,कैसा घातक जाल बिछाया। चंद अर्थ के... Hindi · कविता 1 1 555 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 12 Mar 2022 · 1 min read विद्या देती मान पैसा देता है खुशी,विद्या देती मान। गुरुवर कहते हैं सदा,पाओ विद्या ज्ञान।। Hindi · दोहा 172 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 12 Jan 2022 · 1 min read तू मेरी धड़कन बन गयी तू मेरी धड़कन बन गई बन गई है तू मेरी हमसफर तेरे संग ही चलता हूं मैं हर कदम हर डगर, तू मेरे पास आती है तो मुझको जन्नत सी... Hindi · कविता 1 226 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 11 Jan 2022 · 1 min read गीता कहती है सदा गीता कहती है सदा,करिए सत व्यवहार। मानव जीवन है मिला,करिए यह स्वीकार। करिए यह स्वीकार,जपो नित प्रभु की माला। होगा जीवन सफल,कटे जग भ्रम का जाला। छोड़ो माया मोह,रखो मत... Hindi · कुण्डलिया 1 252 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 10 Jan 2022 · 1 min read हिंदी देती अनुपम ज्ञान हिंदी होती है सदा, प्रेम भाव आधार। सुंदर शोभित वाक्य दें,अटल ज्ञान भंडार। अटल ज्ञान भंडार,रही भाषा की जननी। प्रांजलि का अभिमान,यही है भाषा अपनी। भाषा की सिरमौर,लखे मस्तक में... Hindi · कुण्डलिया 2 1 273 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 10 Jan 2022 · 1 min read शिव स्तुति (चौपाई छंद) बम बम भोले कहते जाओ, आशिष भोले का नित पाओ।। कृपासिंधु है मेरे भोले, देते शुभ वर जो जय बोले। कहे ओम अब जब तप कर लो, जीवन में खुशियाँ... Hindi · मुक्तक 1 353 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 8 Jan 2022 · 1 min read प्रेम गंगा जहाँ बहे प्रेम गंगा जहाँ बहे, हिलमिल जग रहे। सुंदर प्यारा ये देश भारत महान है। हिमालय शीर्ष पर, करे रक्षा वर्ष भर। प्रकृति रक्षित देश धरा की ये शान है। संस्कृति... Hindi · घनाक्षरी 2 1 372 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 8 Jan 2022 · 1 min read स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं आओ सब मिलकर विवेकानंद को शीश झुकाए, स्वामी के अनमोल वचन जीवन में अपनाएं। उठें जागें और कर्म पथ पर तब तलक चलते रहें, जब तक नियत लक्ष्य को हम... Hindi · कविता 3 1 322 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 4 Aug 2021 · 1 min read जो पाया आनंद मनाओ जो पाया आनंद मनाओ, सदा हाथ प्रभु के जोड़ो। क्या ऊँचा नीचा होगा अब, कल की सब चिंता छोड़ो। जो देता हम सब को जीवन, सकल विधान बनाता है, कोई... Hindi · गीत 2 1 204 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 13 Jul 2021 · 1 min read बीत गए गम के बादल बीत गए अब गम के बादल, कटे धुंध के घेरे । अस्ताचल कर गमन दिवाकर, मधुरिम हास्य बिखेरे। देखो कैसी बेला आयी, भय प्राणों का छाया। चीन जनित कीड़े ने... Hindi · गीत 1 2 279 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 11 Jul 2021 · 1 min read जनसंख्या *1* हर ओर बढ़ी भीड़, तोड़ रही जग रीढ़, सुविधाएँ घट रहीं, आप ही विचारिये। कारण जनसंख्या के, प्रतिदिन बढ़ रही, रोटी की किल्लत पर, बवाल मिटाइये। *2* रोजगार घट... Hindi · घनाक्षरी 1 608 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 7 Jul 2021 · 1 min read ताटक छंद-मेघदूत देने को हरियाली वसुधा, मेघदूत अब आए हैं। लेकर के श्याम वर्ण अपना, देखो नभ पर छाए हैं। तड़ तड़ गरजे चपला चमके, सुन आसमां अम्बर घबराता है। पल भर... Hindi · गीत 2 2 472 Share