शाम्भवी मिश्रा Tag: गीत 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शाम्भवी मिश्रा 23 Jan 2017 · 2 min read बेटियाँ कभी मंदिर में उसको पूजा था,घर आई तो ठुकराया हैं। क्यों समाज के डर से उसको बलिवेदी पे चढ़ाया है। वरदान ईश का अंश तेरी ऋंगार है तेरे मधुवन की।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share शाम्भवी मिश्रा 17 Apr 2017 · 1 min read घूँघट मर्यादा का घूँघट,मत खोल राधा प्यारी। तेरे नैनो के दीवाने,हैं मोहन कृष्ण मुरारी।। सजती माथे पर बिंदिया, शत् दीप प्रज्वल्लित होते। जब-जब छनके पायलिया, मोहित मयूर सुध खोते।। कल्पना है... Hindi · गीत 1 434 Share