“संग लाना”
“ख्वाबों-सी सजी खुशियों की डोली लाना,
प्रेम की बगिया-सी खुशबू भरी बोली लाना,
आना जब भी प्रिये, मेरे घर की दहलीज पर,
मोहब्बत भरी अपनों की टोली लाना,
विदाई का गम न जिसमें रहे,
रंगों भरी मिलन की होली लाना,
तेरे-मेरे दरमिया रहीं जो मीठी यादें,
यादों भरी रिश्तों की रंगोली लाना”