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26 May 2018 · 1 min read

प्यारी बुआ

बुआ छुट्टियों में जब आती
घर मे तो रौनक आ जाती

पापा भी बच्चे बन जाते
खूब बुआ से लाड़ लड़ाते
और बुआ भी उनसे दुगुना
हमपर अपना प्यार लुटाती

पापा होटल भी ले जाते
कभी दिखा कर सर्कस लाते
मम्मी भी अपने हाथों से
रोज नया पकवान बनाती

दादी की वो नन्ही चिड़िया
दादा जी की प्यारी गुड़िया
फूफा जी जब लेने आते
दादी आँसू खूब बहाती

भाग दौड़ रहती जीवन में
मन हरदम रहता उलझन में
मगर गर्मियों की छुट्टी में
रिश्तों में गर्माहट आती

26-05-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

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