Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2018 · 1 min read

स्त्री : दोहों में

**स्त्री : दोहों में **
// दिनेश एल० “जैहिंद”

बात कहूँ मैं गूढ़ अब, भारी नर पर नार ।
हारे जब नारी कहीं, होती नर की हार ।।

माय सदृश कोय नहीं, नहीं मातु का जोड़ ।
सारे नाते इक तरफ, _नहीं माय का तोड़ ।।

छाया कन्या शक्ति की, _दुनिया करे गुमान ।
नारी वंश विस्तार कर, करे जगत कल्यान ।।

नारी से नर शोभता, _बढ़ जाता है मान ।
बनता उसका फर्ज है, दे उसको सम्मान ।।

होके शिव की तू शिवा, करे सृष्टि विस्तार ।
तुझ बिन सृष्टि शून्य है, निरर्थक है संसार ।।

मन में आज प्रश्न उठा _नारी काहे रोय ।
हर प्रानी का भूमि पर, जोड़ा काहे होय ।।

दीदी, चाची, नार से, मिले सबको दुलार ।
देखो नारी रूप में, _ छुपा हुआ बड़ प्यार ।।

औरतों में देख छुपी, _ बौद्धिक क्षमता गूढ़ ।
चेत जाओ अब मर्दो, ___स्त्री नहीं है मूढ़ ।।

“जैहिंद” कहे आप से, _ बड़े पते की बात ।
पूजनीय हर रूप में, __नारी की ये जात ।।

===≈≈≈≈≈≈≈====
दिनेश एल० “जैहिंद”
20. 01. 2018

Language: Hindi
451 Views

You may also like these posts

आज में जियो
आज में जियो
पूर्वार्थ
महालय।
महालय।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
उन्तालीस साल।
उन्तालीस साल।
Amber Srivastava
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
आनन्द मिश्र
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
सड़क
सड़क
Roopali Sharma
प्रिय आँसू तुम्हारे बिना ये आँखें, जैसे सूखी धरती की प्यास,त
प्रिय आँसू तुम्हारे बिना ये आँखें, जैसे सूखी धरती की प्यास,त
Rituraj shivem verma
मेरी पावन मधुशाला
मेरी पावन मधुशाला
Rambali Mishra
गर्मी
गर्मी
Ranjeet kumar patre
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Harminder Kaur
जहांँ चाह वहाँ राह
जहांँ चाह वहाँ राह
Sudhir srivastava
"एक पैगाम पिता के नाम"
Pushpraj Anant
रखिए धीरज
रखिए धीरज
अरशद रसूल बदायूंनी
दर्द सहता हज़ार रहता है
दर्द सहता हज़ार रहता है
Dr Archana Gupta
भरोसा
भरोसा
Ragini Kumari
2603.पूर्णिका
2603.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
देखिए अगर आज मंहगाई का ओलंपिक हो तो
देखिए अगर आज मंहगाई का ओलंपिक हो तो
शेखर सिंह
भिक्षुक एक श्राप
भिक्षुक एक श्राप
Kaviraag
अब देख लेने दो वो मंज़िल, जी भर के साकी,
अब देख लेने दो वो मंज़िल, जी भर के साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
अच्छे थे जब हम तन्हा थे, तब ये गम तो नहीं थे
gurudeenverma198
चोरी   जिसका  काव्य  हो , जागें  उसके  भाग ।
चोरी जिसका काव्य हो , जागें उसके भाग ।
sushil sarna
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
उम्मीद
उम्मीद
Pratibha Pandey
कहां से कहां आ गए हम....
कहां से कहां आ गए हम....
Srishty Bansal
पेटी वाला बर्फ( बाल कविता)
पेटी वाला बर्फ( बाल कविता)
Ravi Prakash
"अहसास के पन्नों पर"
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
Piyush Goel
दुनिया का सबसे अमीर आदमी होना और दुनिया में अपने देश को सबसे
दुनिया का सबसे अमीर आदमी होना और दुनिया में अपने देश को सबसे
Rj Anand Prajapati
बस नेक इंसान का नाम
बस नेक इंसान का नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
Loading...