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22 Mar 2018 · 1 min read

हायकू

चाँद छिपा था
तुम्हे देख के नहीं
बादलों में था ।
*
गोरा रूप है
या पारे का लेपन
तेरा चेहरा ।
*
बेरोजगारी
रेत में धंसे पाँव
किसे पुकारूं ।
*
मोम का घर
प्रेम वनवास
मन उदास ।
सुनील कुमार सजल

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