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6 Feb 2018 · 3 min read

एक सोच..... मेरी प्रिसंस ........

“एक सोच…मेरी कलम से”पत्नी अपने पति से कहती है…पत्नी- पता नहीं क्या हो गया है हमारी गुडिया ने कल रात को खाना भी नहीं खाया, और रो भी रहीथी…अभी सुबह जगाने गई तो फिर से रो रही थी…वजह पूछी तो, बस इतना कही की…PLEASE माँ…मुझे अकेला छोड़ दो..मुझे लगता है की शायद उसे कीसी ने प्यार में धोखा दिया है।डर लगता है कहीं वह खुद को नुकसान न पहुँचाये।
पति- थोड़ी खामोशी के बाद कहता है…ठीक है मैं देखता हूँ।इतना कहकर वह अपने बेटी के कमरे में जाते हैं ।
पिता- हैलो गुडिया…कैसी हो बेटा?बेटी- PLEASE PAPA..मुझे कुछ दिनों के लिए अकेला छोड़ दीजिए।पिता- ठीक है बेटा…मगर एक शर्त है?बेटी – बोलिए ।पिता- बस तुम्हें एक बकवास कहानी सुनाना चाहता हूँतुम सुन लो. फिर हम तुम्हें Disturb नहीं करेंगे..ok?बेटी- ठीक है सुनाइये।
पिता- आज से करीब 20 साल पहले एक राजा हुआ करते थे…
बेहद अमीर ।
उनके दो बेटे थे…बड़ाबेटा बेहद आज्ञाकारी और इमान्दार था
उस राजा को अपने बड़े बेटे पर नाज था। उसकी शादी एक खूबसूरत लड़की से कर दी गईं। फिर वह खूबसूरत लड़की( राजा की बड़ी बहू) गर्भवती हुई। घर मे खुशीयां ही खुशियाँ छा गई।
मगर राजा की जिद थी की बेटा ही हो।
फिर राजा ने अपने बहू के गर्भ का चेकअप करवाया तो पता चला की गर्भ में लड़की है।राजा ने बेटे को हुक्म दिया की लड़की को गिरा दिया जाए।
आखिर बड़ा बेटा आज्ञाकारी था। ना तो करेगा नहीं। मगर पता नहीं उस पागल बेवकूफ को क्या सूझा की…दो दिन बाद अपना राज पाट धन दौलत शानो शौकत सबकुछ छोड़ के अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर महल से गायब हो गया।
सच कहूँ तो वह बड़ा बेवकूफ और पागल था।
लोग बेटीयों को बोझ समझकर गर्भ मे नष्ट कर देते है और एक वह बेवकूफ पागल एक बेटी के लिए तमाम सुखसुविधाओं को ठोकर मार दिया। वह बाप की बात मानता तो आज उसकी जगह राजा होता। न जाने वह बेवकूफ बेटी के लिए बाप न जाने किस हालत में होगा ।तभी गुडिया की मां वहाँ आकर कहती है की…वह बेवकूफ बेटी के लिए पागल शख्स और कोई नहीं…येही तेरे पिताजी हैं जो तूझे अपनी सच्ची कहानी सुना रहे हैं ।तू कहती थी न की…मम्मी…नाना नानी को तो मैंने देख लिया , काश…पापा अनाथ न होते तो दादा दादी का चेहरा भी देख लेती… तेरे पापा अनाथ नहीं है। तू बड़ी होकर जिद न करे दादा दादी से मिलने की इसलिए तूझसे सच छुपाया गया। फिर तेरे पापा ने तेरे पैदा होने के बाद एक कशम ली की…तेरे अलावा दूसरा संतान फिर कभी नहीं बनाएंगे।अखबार मे इश्तहार देकर तेरे दादा दादी ने बेटी को लेकर ही वापस आने को कहा…मैंने भी जोर दिया वापस जाने को…मगर तूझे गोदी मे उठाकर तेरे पापा ने बस इतना ही कहा। जिस घर में मेरी princess की…हत्या का फरमान निकाला गया हो..वहाँ एक राजा कैसे सांसे ले सकता हैअब नजारा अलग था। गुडिया की आखों मे पापा के लिएसम्मान उनकी मोहब्बत के लिए ढेरों सारा प्यार और उनकी कुर्बानी के लिए इबादत करने जी कर रहा था। आंशू थमने का नाम नहीं ले रहे थे मगर सबकुछ अब सिर्फ पापा के लिए था।
पापा ने बस आखरी शब्द इतना ही कहा अपनी बेटी को…मैं नहीं जानता की दुनिया तेरे बारे मे क्यासोचती है।मगर तू मेरे लिए बेहद अनमोल है।
भले मैं आज कहीं का राजा नहीं रहा…मगर तू कल भी आज भी और सदा ही…मेरी PRINCESS ही रहेगी।
बेटी ने दौड़कर अपने पापा को गले लगाकर रोतेहुए कहा…आप असली राजा होऔर मैं आपकी PRINCESS…सबकी पलके गीली थी मगरवह एक नई सुबह की शुरुआत थी जंहा PRINCESSफिर से अपने सियासत में लौट आई थी। एक नयी सोच जो बदल देती है जिंदगी………

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