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16 Dec 2017 · 1 min read

ठंड का आतंक

मैदानों में ले रहे, पर्वत का आनन्द
शीत लहर में दाँत भी, सुना रहे हैं छंद
सुना रहे हैं छंद, हवा कितनी बर्फीली
श्वेत ओढ़नी ओढ़,भोर लगती शर्मीली
साँझ सुबह का फ़र्क़, नहीं दिखता जाड़ों में
फैला है आतंक, ठंड का मैदानों में

डॉ अर्चना गुप्ता
16-12-2017

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