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12 Dec 2017 · 1 min read

मुक्तक

मेरी तन्हाई में जब भी गुजर होती है!
मेरे ख्यालों में ख्वाबों की सहर होती है!
दर्द की कड़ियों से जुड़ जाती है जिन्दगी,
यादों की दिल में चुभती सी लहर होती है!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

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