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6 Dec 2017 · 1 min read

“हाइकु”

“हाइकु”

छूटा बंधन
मुँह में मिठाइयाँ
सत्य की जीत॥-1

घिनौना स्वार्थ
हाय तोबा दुहाई
वो शहनाई॥-2

बहाना बाजी
राह मील पत्थर
मोह मंजिल॥-3

वापस आई
पटरी पर रेल
सुखद यात्रा॥-4

डाली का बौर
अपने अपने बाग
प्यार मुहब्बत॥-5

सबका धर्म
स्त्री पुरुष मानव
दया करुणा॥-6

वो काली रात
भयानक सपना
सुबह हुई॥-7

महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी

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