Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 Nov 2017 · 1 min read

मोहब्बत की मज़बूरियाँ

पास रहके भी,कितनी दूरियाँँ हैं।
ये कैसी सनम,मज़बूरियाँ हैं।।

हम दीदार में,दीवाने हुए प्यार में।
चुन लिया चाँद,सितारों के हार में।
चाँदनी मिली है,चाँद से दूरियाँ हैं।
ये कैसी सनम,मज़बूरियाँ हैं।

हम दीदार से,दीवाने हुए प्यार में।
चुन लिया फूल,काँटों के संसार में।
ख़ूशबू मिली है,फूल से दूरियाँ हैं।
ये कैसी सनम,मज़बूरियाँ हैं।

**************************
राधेयश्याम बंगालिया”प्रीतम”
**************************

Loading...