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21 Nov 2017 · 1 min read

अब मेरी किस्मत में नहीं हो तुम

मुक्तक………

अब मेरी किस्मत में नहीं हो तुम
बेवफ़ा नही तो, बावफ़ा भी नही हो तुम

जीने की अस्बाब तुम थी कल तक
रंज ओ गम की वजह भी हो तुम

भूपेंद्र रावत
7/11/2017

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