Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
15 May 2017 · 1 min read

?व्हाट्सअप बजमारौ.....?

?? ? व्हाट्सअप??

व्हाट्सप बजमारौ
खाय रह्यौ खून मेरौ
पढें नाय छोरा-छोरी
कह रई मइया।

खुद रात बारै बजे
भावना की गंग बीच
गोतन लगाती भई
दिख रई दइया।

प्रातः शाम आठोंयाम
चाहे करै कछु काम
भजि-भजि आय देखै
बजै जु पपइया।

बिगरी है पीढ़ी तेज
त्याग दई लाज शर्म
बेहूदे निगोरौ फ़ौन
गीत गावै भइया।

??????????
?तेज ?

Loading...