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4 May 2017 · 1 min read

यूँ रूठो ना……………..इतराया ना करो |गीत| “मनोज कुमार”

यूँ रूठो ना करो, यूँ गुस्सा ना करो
इतना ना सताओ तुम, इतराया ना करो

यूँ रूठो ना……………………………………………..इतराया ना करो

हम प्यार तुम्हें जां प्यार से ज्यादा करते हैं
कर लो तुम विश्वास तुम्हीं पे मरते हैं
तुम ना मिली तो जीते जी मर जायेंगे
अन्धे हुए आशिकी में फना हो जायेंगे
मैं हो जाता हूँ तन्हा घर जाया ना करो
कैसे तुमको समझायें तडपाया ना करो

यूँ रूठो ना……………………………………………..इतराया ना करो

दिल में आके देख लो तेरी तस्वीर मिलेगी
तू बना गयी है शायर ग़ज़ल तुझपे लिखेगी
आ लिख दें ऐसी दास्तां ना सदियों मिटेगी
महोब्बत से कर लो साजन महोब्बत मिलेगी
कोई भूल हुई कर दो माफ़ रुलाया ना करो
जो की हमने वफा वो तुम भुलाया ना करो

यूँ रूठो ना……………………………………………..इतराया ना करो

हम तुमको तुम हमको बहुत याद आयेंगे
लिया है फैसला कर तुमको ना भूल पायेंगे
ना जाओ जिन्दगी से तुम आ जाओ एक बार
सजाये थे जो सपने सच कर जाओ एक बार
जब आया करो मिलने फिर देरी ना करो
दीवाने हैं हम तेरे हमको पागल ना करो

यूँ रूठो ना……………………………………………..इतराया ना करो

“मनोज कुमार”

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