**** नारी और जीवन ****
[[[[ नारी और जीवन ]]]]
फूलों का बिछावन नहीं ज़िंदगी,,
चैन का निंद्रासन्न नहीं जिंदगी ||
संपूर्ण संघर्ष है औरतों के लिए,,
ज़िंदगी जंग है नारियों के लिए ||
जैसे निडर जीत लेते कायरों को,,
जैसे शूर वीर जीत लेते वीरों को ||
वैसे बेड़ियाँ काटो मुक्ति के लिए,,
ज़िन्दगी जंग है नारियों के लिए ||
जैसे लगाम काबू करती घोड़ों को,
जैसे रस्सी जकड़ लेती चोरों को ||
वैसे पकड़ो वक्त को खुद के लिए,
ज़िन्दगी जंग है नारियों के लिए ||
पुरूषों के दबदबे हैं एक तरफ,
कु..प्रथाएं फैली हैं दूसरी तरफ़ ||
हैं रास्ते तेरे दुश्वारियों के लिए,,,
ज़िन्दगी जंग है नारियों के लिए ||
बाहर के दुश्मनों को मार भगाओ,
फिर अन्दर की ज़ंजीरों को काटो ||
रास्ते बुलंद करो प्रगति के लिए,,
ज़िन्दगी जंग है नारियों के लिए ||
नाओढ़ो अब तुम लाज का घूँघटा,
उखाड़ फेंको संकीर्णता का खूँटा ||
ये छुआ-छूत का भेद बस तेरे लिए,,,
ज़िन्दगी जंग हैं नारियों के लिए ||
है चारों तरफ़ से घेरे तुझको दानव,,
भेड़ियों की खोल में छिपे हैं मानव ||
इनसे तुझे लड़ना है बचने के लिए,,
ज़िन्दगी जंग है नारियों के लिए ||
एक और इंक्लाब का पदार्पण हो,,
फिर अंग्रेज रूपी मर्दों का मर्दन हो ||
दबंगों के चंगुल से मुक्ति के लिए,,
ज़िन्दगी जंग है नारियों के लिए ||
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दिनेश एल० “जैहिंद”
28. 01. 2017