Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Mar 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरे बगैर जिन्दगी से दूरी हो गयी है!
तेरे बगैर हर खुशी अधूरी हो गयी है!
ठहरी हुई है मंजिल तन्हाइयों में कबसे,
मेरी शामे-मयकशी मजबूरी हो गयी है!

मुक्तककार- #महादेव’

Loading...