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25 Aug 2016 · 1 min read

मुक्तक :-- माँ सपनों में आ जाती है !!

मुक्तक :– माँ सपनों में आ जाती है !!

व्याकुलता तेरे चिंतन की जब मुझको तड़पाती है !
पल में उदास हो जाता हूँ मैं बेचैनी बढ़ जाती है !
सहलाती सिर को मेरे अपनें ममतामयी हाथों से ;
“माँ” पल्लू से तू हवा लगाती सपनों में आ जाती है !!

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