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30 Dec 2016 · 1 min read

साकार हो स्वप्न अच्छे दिन के नए साल में

मन मस्त हो, तन स्वस्थ हो, बुद्धि सकुशल नए साल में
आएं ना किसी भी प्रकार, किसी वायरस के जाल में….

व्यक्तिगत उन्नति पर्वत सदृश, परिवार में सबसे मेल रहे
हर खेल में जय अंकवार भरे और जीवन जैसे खेल रहे
हो हंसी-ख़ुशी माहौल सदा औ मस्ती रहे तेरी चाल में….

नापाक पडोसी को अक्ल आए, आग में ना ही घी डाले
जयचंदों की भी पोल खुले, न सफल हो मंसूबे काले
वीरों की जान भी प्यारी है, न जाएं काल के गाल में…

चहुँओर बढे हरियाली, केशरिया रंग भी खूब खिले
हो देश में अमनो-अमान यूँ कि श्वेत कपोत भी खूब उड़ें
साकार हो स्वप्न अच्छे दिन के, जनता खुश हर हाल में…

©आनंद बिहारी (30.12.2016)

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