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11 Nov 2016 · 1 min read

[[ निहारूँ तुम को जी भरकर अगर अधिकार हो जाये ]]

निहारूँ तुम को जी भरकर अगर अधिकार हो जाये
कसम से देख ले जो भी वही दिलदार हो जाये

कँवल से होंठ नाज़ुक हैं कली हो तुम बहारों की
मुहब्बत में तुम्ही जीतो नितिन की हार हो जाये

Nitin sharma

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