Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Aug 2016 · 1 min read

मै रहूँ न रहूँ,,,

मै रहूँ न रहूँ
तुम मुस्कराते रहना
मै निहारूँगा तारा बनकर
तुम बस खिलते रहना।
मेरे लिए न होना कभी उदास
तुम झरने सी बहते रहना।

सुबह की धूप बनकर
आऊँगा रोज मिलने
तुम बस उगते सूरज को देखते रहना।
जब भी आये उदासी भरी शाम
मै आऊँगा जुगनू बनकर
बस तुम गीत मेरे गुनगुनाते रहना।

कभी सतायें बीते हमारे लम्हे
मै आऊँगा बारिश बनकर
तुम आँगन में खड़े रहना
,,, ,लक्ष्य,,

Loading...