मोहब्बत में मोहब्बत की इबादत हो नहीं सकती,
मोहब्बत में मोहब्बत की इबादत हो नहीं सकती,
गुनाह करके गुनाहों की अजी़यत हो नहीं सकती।
अगर महबूब दिल को तोड़ दे इशारे ही इशारे में,
तो फिर महबूब से पहली सी मोहब्बत हो नहीं सकती।।
Phool gufran
मोहब्बत में मोहब्बत की इबादत हो नहीं सकती,
गुनाह करके गुनाहों की अजी़यत हो नहीं सकती।
अगर महबूब दिल को तोड़ दे इशारे ही इशारे में,
तो फिर महबूब से पहली सी मोहब्बत हो नहीं सकती।।
Phool gufran