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17 Dec 2025 · 1 min read

आरज़ू

आरज़ू

साँसों में है तेरी आरज़ू, और आँखों में बसी ख़ुमारी।
दिल में पलती ख़्वाहिश निरखे, हरदम राह तुम्हारी।
तुमको पाने की हर कोशिश, नाक़ाम हो गई लेकिन।
चाहत तेरी महकाये जीवन, पर अखरे कमी तुम्हारी।

डा. राम नरेश त्रिपाठी ‘मयूर’

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