आरज़ू
आरज़ू
साँसों में है तेरी आरज़ू, और आँखों में बसी ख़ुमारी।
दिल में पलती ख़्वाहिश निरखे, हरदम राह तुम्हारी।
तुमको पाने की हर कोशिश, नाक़ाम हो गई लेकिन।
चाहत तेरी महकाये जीवन, पर अखरे कमी तुम्हारी।
डा. राम नरेश त्रिपाठी ‘मयूर’
आरज़ू
साँसों में है तेरी आरज़ू, और आँखों में बसी ख़ुमारी।
दिल में पलती ख़्वाहिश निरखे, हरदम राह तुम्हारी।
तुमको पाने की हर कोशिश, नाक़ाम हो गई लेकिन।
चाहत तेरी महकाये जीवन, पर अखरे कमी तुम्हारी।
डा. राम नरेश त्रिपाठी ‘मयूर’