अकेले रास्तों वाला हमसफर याद आता है,
अकेले रास्तों वाला हमसफर याद आता है,
मुझे अक्सर पिता का हाथ सर पर याद आता है।
मैं जब तक जागता हूं ख्वाब मेरे साथ होते है,
मैं आँखें मूंदता हूं तो मुझे घर याद आता है।
अभिषेक सोनी “अभिमुख”
ललितपुर, उत्तर–प्रदेश