हरे दोस्त क्यों जरूरी?
पेड़ हमारे ऐसे हरे दोस्त हैं, जो बिना कुछ माँगे हर दिन हमारे लिए काम करते रहते हैं। हम सुबह उठते हैं, स्कूल जाते हैं, खेलते हैं, पढ़ते हैं। क्या हम कभी सोचते हैं कि हमारी हर साँस किसकी वजह से चलती है? जी हाँ, पेड़ों की वजह से! वे बिना शोर किए दिन-रात हवा को साफ करते हैं और हमें ऑक्सीजन देते हैं। अगर पेड़ न हों, तो हवा भी मिलना मुश्किल हो जाए।
बरसात, जिसे बच्चे बड़े मजे से देखते हैं, पेड़ों की मेहरबानी से ही संभव होती है। पेड़ अपनी जड़ों से पानी सोखकर जमीन को नम रखते हैं और हवा में नमी छोड़ते हैं। यही नमी बादलों को बुलाती है। बारिश के बाद मिट्टी से उठती सुगंध, जिसे हम मिट्टी की खुशबू कहते हैं, वह भी पेड़ों की ही देन है। जंगल कम होंगे, तो बारिश भी कम पड़ेगी और धरती धीरे-धीरे सूखी होती चली जाएगी।
पेड़ सिर्फ हमारे नहीं, बल्कि हजारों जीव-जंतुओं के भी दोस्त हैं। जरा किसी पेड़ को गौर से देखिए। कहीं गिलहरी दाना चुग रही होती है, कहीं बंदर खेल रहे होते हैं, तो किसी डाल पर चिड़िया अपना घर बना रही होती है। एक पेड़ सचमुच एक पूरा जीव-जंतु नगर होता है। पेड़ हमें भोजन भी देते हैं। आम, जामुन, अमरूद…कितने ही स्वादिष्ट फल पेड़ों से ही आते हैं। गर्मियों में पेड़ की छाँव में बैठकर मिलने वाली ठंडी हवा तो किसी जादू से कम नहीं लगती।
आज जब दुनिया गर्म हो रही है और प्रदूषण बढ़ रहा है, तब पेड़ ही सबसे सरल और सच्चा समाधान हैं। वे सूर्य की गर्मी कम करते हैं, कार्बन डाइऑक्साइड को सोखते हैं और वातावरण को संतुलित रखते हैं। अगर धरती एक घर है तो पेड़ उसकी मजबूत दीवारें हैं। दीवारें कमजोर होंगी, तो घर भी सुरक्षित नहीं रहेगा। इसीलिए जरूरी है कि बच्चे समझें। पेड़ सिर्फ प्रकृति का हिस्सा नहीं, हमारे जीवन-साथी हैं। हम जैसे अपने दोस्तों का ध्यान रखते हैं, वैसे ही हमें पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए-
• पेड़ों को काटने से रोकना,
• नए पौधे लगाना,
• प्रकृति का सम्मान करना।
आज लगाया गया एक छोटा पौधा, कल बड़ा पेड़ बनकर किसी पक्षी का घर बनेगा, किसी राहगीर को छाँव देगा और बारिश का कारण बनेगा। पेड़ों का यह मौन जादू हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में छिपा हुआ है। बस ज़रूरत है कि हम इसे पहचानें और सुरक्षित रखें, ताकि धरती हरी-भरी भी रहे और जीवन खुशहाल भी।