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6 Dec 2025 · 1 min read

जन्मदिन है कि दिखावा!

है नहीं जरूरी किंतु इसको मनाने हेतु,
चार-पाँच लोगों से उधार ले के आएंगे।

हित-मीत सबको बुलाएंगे दबाव से ये,
मछली या मीट गाँव भर को खिलाएंगे।

डी जे मँगवा के ये बजाएंगे फ़ूहड़ गीत,
बच्चे-बच्चियों को रात भर नचवाएंगे।

अपने समाज का रिवाज नहीं जन्मदिन,
किंतु समझाओ तो ये खूब गरिआएंगे।

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 05/12/2025

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