ट्रैफिक नियम: सुरक्षा की ढाल
हम सब रोज़ सड़क का इस्तेमाल करते हैं। कभी स्कूल जाने के लिए, कभी बाज़ार जाने के लिए, तो कभी दोस्तों के साथ खेलने या घुमने निकलते हैं। सड़कें जितनी ज़रूरी हैं, उतनी ही जिम्मेदारी भी मांगती हैं। ज़रा सी गलती कभी-कभी ऐसा बड़ा हादसा बन जाती है, जिसकी हमने कल्पना भी न की हो। इसलिए ट्रैफिक नियम हमें बचाने वाली ढाल की तरह काम करते हैं, जो बिना आवाज़ किए हर पल हमारा ख़याल रखते हैं।
🚶♂️ज़ेब्रा क्रॉसिंग: आपने अक्सर सड़कों पर सफ़ेद पट्टियां तो देखी ही होंगी। इसे ही ज़ेब्रा क्रॉसिंग कहते हैं। यह पैदल चलने वालों के लिए एक सुरक्षित रास्ता होता है। सड़क पार करनी हो तो सबसे पहले ज़ेब्रा क्रॉसिंग तलाशें। फिर-
• पहले बाएँ देखें,
• फिर दाएँ,
• फिर दोबारा बाएँ,
• और तभी सड़क पार करें।
यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि हम आने-जाने वाली हर गाड़ी को देख सकें। कई बार बच्चे खेलने की जल्दी में बिना देखे सड़क पर दौड़ जाते हैं। इससे हादसे हो जाते हैं। यदि हम इस छोटी सी आदत को अपना लें, तो हम खुद को बड़ी दुर्घटनाओं से सुरक्षित रख सकते हैं।
🚦 ट्रैफिक सिग्नल-तीन रंगों की समझ: जब हम किसी चौराहे पर खड़े होते हैं तो सामने तीन रंगों वाली लाइट दिखाई देती है-लाल, पीली और हरी। ये रंग सिर्फ बल्ब नहीं, बल्कि सड़क के नियम हैं। यदि सभी लोग इन तीन रंगों की भाषा समझ लें तो शहरों की सड़कें सुरक्षित, साफ-सुथरी और बिना जाम की हो सकती हैं।
• लाल बत्ती कहती है-रुक जाओ! यदि सभी लोग लाल बत्ती पर रुकें तो कोई टक्कर नहीं होगी और सड़कें सुरक्षित रहेंगी।
• पीली बत्ती कहती है-सावधान रहो और तैयारी करो! यह हमें बताती है कि अब सिग्नल बदलने वाला है, इसलिए जल्दबाज़ी न करें।
• हरी बत्ती कहती है-अब चलो! लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि तेज़ दौड़ाओ। हरी बत्ती पर भी वाहन चलाने वालों को सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए।
🪖 हेलमेट-असली जीवन रक्षक: बच्चे अक्सर साइकिल चलाने के लिए बहुत उत्साहित होते हैं। दोपहिया वाहन पर बैठते ही उन्हें हवा से दोस्ती हो जाती है, लेकिन उत्साह के साथ सुरक्षा भी ज़रूरी है। हेलमेट सिर की रक्षा करता है और सिर हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। दुर्घटनाओं में सबसे ज़्यादा चोट सिर में आती है और हेलमेट वही चोट रोक देता है। इसलिए-दो पहिया वाहन चलाते समय, स्कूटी या बाइक पर बैठते समय, चाहे ड्राइव कर रहे हों या पीछे बैठे हों…हर हाल में हेलमेट पहनना चाहिए। बचपन से जिसको यह आदत लग जाएगी, वह बड़ा होकर भी खुद को सुरक्षित रखेगा।
❌ सड़क पर खेल-खतरे को बुलावा: अक्सर बच्चे खेलते-खेलते सड़क तक आ जाते हैं। गेंद सड़क पर चली गई और बच्चा उसे लेने के लिए सीधे सड़क पर भाग गया, यह एक बहुत बड़ा खतरा है। सड़कें वाहन चलने के लिए बनाई जाती हैं, खेल के लिए नहीं। गाड़ियाँ तेज़ चलती हैं, मोड़ पर दिखाई नहीं देतीं। एक छोटी-सी चूक बड़ा हादसा कर सकती है। इसलिए खेल हमेशा पार्क, मैदान या किसी सुरक्षित स्थान पर ही करना चाहिए। सड़क को कभी खेल का मैदान नहीं समझना चाहिए। यह आदत हमारी और हमारे दोस्तों की जिंदगी को सुरक्षित रखती है।
⭐ अंत में सबसे ज़रूरी बात…ट्रैफिक नियम सिर्फ कानून की किताब में लिखे शब्द नहीं हैं। ये हमारी सुरक्षा के पहरेदार हैं। यदि हम इन नियमों का पालन करेंगे तो-हमारा सफर सुरक्षित होगा, हमारे परिवार को चिंता नहीं होगी, सड़कें सभी के लिए सुविधाजनक बनेंगी, हम दूसरों के लिए एक अच्छा उदाहरण भी बनेंगे।