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*प्रणय प्रभात*
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5 Dec 2025 · 1 min read
हमें न कोई दबा सकता है, न डरा सकता है।
हमें न कोई दबा सकता है, न डरा सकता है।
हम तो ख़ुद ही दबने और डरने में एक्सपर्ट हैं।।
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