नित्य कीजिए सैर
कुण्डलिया
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घर से बाहर निकलकर, नित्य कीजिए सैर।
सर्द ऋतु ने भी यहां, खूब पसारे पैर।
खूब पसारे पैर, धुंध है श्वेत हर जगह।
छुपा जा रहा सूर्य, खेलता खेल जिस तरह।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, देखिए खुली नजर से।
आएगा आनंद, निकलकर बाहर घर से।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य