मनचले झरनों की कलकल
मनचले झरनों की कलकल
संध्या की मीठी सी अँगड़ाई
प्रकृति प्रसन्न राधा सी नाची
कृष्ण घटा सावन बन छाई
डॉ.रागिनी स्वर्णकार
Tag: Quote Writer
मनचले झरनों की कलकल
संध्या की मीठी सी अँगड़ाई
प्रकृति प्रसन्न राधा सी नाची
कृष्ण घटा सावन बन छाई
डॉ.रागिनी स्वर्णकार
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