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26 Nov 2025 · 1 min read

कुण्डलिया छंद

!! श्रीं!!
सुप्रभात !
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन !
🙏
जीवन पर पड़ता सदा, युग का अमिट प्रभाव।
घटनाऐं जो हो रहीं, देखें आता ताव।।
देखें‌ आता ताव, लाज अब सिमटी जाती।
संस्कार की डोर, टूटती बाँध न पाती।।
फैली हुई अशांति, शांति अब रही न घर-घर।
युग का अमिट प्रभाव , सदा पड़ता जीवन पर।।
***
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा।
🪷🪷🪷

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