अगहन शुक्ला पंचमी, एक हुए सिय राम।
अगहन शुक्ला पंचमी, एक हुए सिय राम।
भाग्य भाग्य से यूँ मिला, बना युगल सुखधाम।।
करो समर्पण राम सा, सीता सा संघर्ष।
जो तुम चाहो देखना, प्रेम – नेम उत्कर्ष।।
© सीमा अग्रवाल
अगहन शुक्ला पंचमी, एक हुए सिय राम।
भाग्य भाग्य से यूँ मिला, बना युगल सुखधाम।।
करो समर्पण राम सा, सीता सा संघर्ष।
जो तुम चाहो देखना, प्रेम – नेम उत्कर्ष।।
© सीमा अग्रवाल