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24 Nov 2025 · 1 min read

शिव माला 156

शिव माला 156
शीश कटाया प्रण नहीं, दे दी हँस कर जान
डर कर छोड़ा धर्म तो, फिर कैसी पहचान
फिर कैसी पहचान, गुरू ने यह सिखलाया
तेग बहादुर नाम, नवें गुरुजी ने पाया
मुगल हुए लाचार, औरंगजेब झुकाया
खूब दिया बलिदान, गुरू ने शीश कटाया।।
अरविन्द भारद्वाज

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