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23 Nov 2025 · 1 min read

चौथे पन में...

चौथे पन में हुआ कितना लाचार अब
उसको करता नहीं है कोई प्यार अब
आटा, चावल कभी बैग सामान का
भार ढोता रहा ख़ुद हुआ भार अब

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 20/11/2025

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