कह प्यासा कविराय
कह प्यासा कविराय
एक कुंडलियां :-
अपने चाल चरित्र का, रखिए सुन्दर ध्यान।
यथा किसी तलवार का, रक्षा करता म्यान।।
रक्षा करता म्यान , स्वयं का रक्षक बनिए।
अवगुण से रह दूर, सदा ही आगे बढ़िए।।
कह प्यासा कविराय,सुफल होंगे सब सपने।
सुन्दर चाल चरित्र,रखा जो अन्दर अपने।।
✍️ प्यासा