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14 Nov 2025 · 1 min read

– बाल दिवस। नवप्रवर्तन (पंक्तियां)

– बाल दिवस। नवप्रवर्तन (पंक्तियां)
1. “नन्हे सपनों की उड़ानों में, नवप्रवर्तन का प्रकाश है,
इन्हीं को गढ़ना भविष्य हमें—यही हमारा विश्वास है.”
2. “बच्चों की जिज्ञासा ही कल का आविष्कार बनेगी,
हर छोटी-सी कोशिश एक नई दुनिया गढ़ेगी.”
3. “जहाँ बच्चे प्रश्न पूछें, वहाँ नवाचार जन्म लेता है,
हर नयी राह, हर नया विचार—युग परिवर्तन बोलता है.”
4. “सृजन के इन दीपों से ही, उजियारा पथ बनता है,
नवप्रवर्तन की अग्नि से ही भविष्य जगमग रहता है.”
5. “बाल मन की कल्पनाओं में, हर खोज छिपी मिलती है,
नवप्रवर्तन के पंख लगें तो दुनिया नई खिलती है.”
✍️ लेखनाधिकार सुरक्षित: डॉ. नीरू मोहन

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